डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग
बर्धमान मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल तथा बांकुड़ा सम्मिलानी मेडिकल कॉलेज सहित कुछ जिलों के अस्पतालों में भी प्रदर्शन किया गया। उन्होंने महिला चिकित्सक का यौन उत्पीडऩ और हत्या करने में संलिप्त लोगों को कड़ी सजा देने तथा अस्पतालों में चिकित्सकों की सुरक्षा की मांग की। माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की छात्र शाखा स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और युवा शाखा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) ने हत्या के विरोध में रास्ता जाम किया।
जिम्मेदारी अस्पताल अधीक्षक की: पितादूसरी तरफ मृत जूनियर डॉक्टर के पिता ने कहा कि पूरी घटना की जिम्मेदारी अस्पताल अधीक्षक की है। वे सुरक्षा देने में नाकाम रहे। जबकि कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने कहा कि मेरी बेटी भी डॉक्टर है। अस्पताल कांड पर काफी चिंतित हूं। हत्या के विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शनिवार को दक्षिण कोलकाता के जदुबाबू बाजार के सामने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने दोषियों को तुरंत गिरफ्तार कर कड़ी सजा देने की मांग की। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर वाम नेतृत्व ने अस्पताल से श्यामबाजार तक मार्च निकाला गया।
अधिक लोगों की संलिप्तता का संकेत: सुकांत
केंद्रीय राज्य मंत्री और भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि मृतका के शरीर पर चोट के निशान इस जघन्य अपराध में एक से अधिक लोगों की संलिप्तता का संकेत देते हैं।मजूमदार ने कहा कि किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी छलावा हो सकती है। केवल सीबीआई जांच ही पूरी सच्चाई को उजागर कर सकती है और युवती को न्याय दिला सकती है। मजूमदार और पार्टी की राज्य महासचिव अग्निमित्रा पॉल को मृतका के घर जाते समय बैरकपुर पुलिस आयुक्तालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने रोक लिया, जिस पर उनकी पुलिस के साथ तीखी नोकझोंक हुई। भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख ने पुलिस की देरी से कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा कि पुलिस ने शुरू में मामले को आत्महत्या के रूप में पेश करने की कोशिश की और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हस्तक्षेप के बाद ही कार्रवाई की। उन्होंने सवाल किया कि क्या गंभीर घटनाओं की जांच के लिए पुलिस को मुख्यमंत्री से निर्देश लेने की आवश्यकता है?
उच्च स्तरीय न्यायिक जांच हो: माकपामाकपा की राज्य इकाई के सचिव मोहम्मद सलीम ने पुलिस जांच को अपर्याप्त बताते हुए खारिज कर दिया और भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के तहत सीबीआइ जांच पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि इसमें सत्तारूढ़ टीएमसी के साथ गुप्त तालमेल हो सकता है। सलीम ने सीबीआई जांच के बजाय उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की।
राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन की चेतावनीदूसरी तरफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने मामले की जांच पूरी करने के लिए शनिवार को अधिकारियों को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया और चेतावनी दी कि अगर इस अवधि के भीतर दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो वे देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे। आईएमए ने निष्पक्ष, समयबद्ध जांच की मांग की और साथ ही कार्यस्थल पर चिकित्सकों, खासकर महिलाओं की सुरक्षा में सुधार के लिए तत्काल कदम उठाने के साथ ही अपराध को बढ़ावा देने वाली स्थितियों की विस्तृत जांच कराने को कहा। आईएमए ने कहा कि अगर शिक्षा संस्थानों में सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जा सकती है तो यह प्रशासन की अक्षमता का संकेत है।