–मेट्रो सेवा शुरू, पर हावड़ा मैदान में अभी भी हॉकरों का मकडज़ाल मेट्रो रेल सेवा शुरू होने के बावजूद हावड़ा मैदान में अभी भी हॉकरों का मकडज़ाल बरकरार है जिससे मेट्रो यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मेट्रो के गेट नंबर ए के सामने पुलिस हॉकरों को बैठने नहीं दे रही है। यहां किसी बस, टैक्सी व निजी कार को पार्किंग नहीं करने दिया जा रहा। लेकिन मेट्रो स्टेशन के दूसरे गेट और आसपास हॉकरों के मकडज़ाल से मेट्रो यात्रियों को परेशानी हो रही है। कुछ यात्रियों ने यहां आसपास से हॉकरों को हटाने की मांग की है। उनका कहना है कि हावड़ा मैदान में हॉकरों की समस्या का समाधान पूरी तरह नहीं हुआ है। जीटी रोड, शरत सदन के सामने, बंगबासी मोड़ और नित्याधंन मुखर्जी रोड के आस पास हॉकरों का कब्जा अभी भी है। उनका आरोप है कि मेट्रो शुरूआत होने के बाद भी अवैध तरीके से कब्जाधारियों को क्यों नहीं हटाया जा रहा?लोकसभा चुनाव के कारण प्रशासन हटाना नहीं चाहताजिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन सूत्रों से पता चला कि लोकसभा चुनाव सामने होने के कारण प्रशासन फिलहाल हॉकरों को हटाना नहीं चाहता। हालांकि कुछ हॉकरों को समझाकर वहां से हटा दिया गया है। पर स्थिति पूरी तरह नहीं बदली है। पुलिस के मुताबिक सिर्फ गेट नंबर एक के सामने से अवैध बस स्टैंड हटाया गया है। मेट्रो स्टेशन के गेट के सामने बसों या अन्य वाहनों को पार्क होने से रोकने के लिए सामने की ओर गार्डरेल लगा दिया गया है। हावड़ा मैदान इलाके के फुटपाथों और सडक़ों से अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके अलावा अवैध कार पार्किंग को हटाने के लिए प्रशासन की ओर से कोई विशेष पहल नहीं है। नतीजा, गेट नंबर दो के बाहर फुटपाथ पर अब भी हॉकरों का कब्जा है।
—-हावड़ा नगर निगम चेयरमैन ने कहा—हॉकरों को लेकर बातचीत चल रही पुलिस उन्हें हटाने में नाकाम रही। यात्रियों ने प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उधर हावड़ा नगर निगम के चेयरमैन डॉ सुजय चक्रवर्ती ने कहा कि हॉकरों को लेकर बातचीत चल रही है। इस संबंध में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि लोकसभा चुनाव के बाद मेट्रो ने एक समझौता कर मेट्रो सेवा शुरू होने से पहले हॉकरों के पुनर्वास का वादा किया था। समझौते के मुताबिक मेट्रो अथॉरिटी ने हॉकरों की पुरानी जगह पर नई बिल्डिंग बनाने की घोषणा की थी। वहां हॉकरों को स्टॉल देने की बात कही गयी थी लेकिन स्टॉल नहीं मिलने के कारण हॉकरों ने विरोध जताया था। उनके मुताबिक अगर समझौते के मुताबिक काम नहीं हुआ तो वे आंदोलन जारी रखेंगे।