मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जुलाई में ही घोषणा की थी कि राजनीतिक झड़पों में मारे गए 19 लोगों में से प्रत्येक के परिवार के एक सदस्य को रोजगार दिया जाएगा। राज्य सरकार पहले ही पीड़ितों के परिवार के सदस्यों को 2-2 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान कर चुकी है। अब इसके बाद मृतकों के परिजनों में से किसी एक को होमगार्ड की नौकरी देने का फैसला किया गया हैं।
इसी साल हुए पंचायत चुनाव में हुई थी हिंसा
इसी साल जुलाई में राज्य में हुए पंचायत चुनाव के दौरान जमकर हिंसा हुई थी और कई लोगों की मौत हुई थी। मौतों के आंकड़ों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्षं में मतभेद जारी है। टीएमसी का दावा हैं कि हिंसा के दौरान 19 लोगों की जान गई थी वहीं विपक्षी दलों का कहना है कि हिंसा में 50 से अधिक लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था।
ऐसा माना जाता रहा हैं कि मतदान के दिन 15 लोगों की मौत हुई थी जिनमे तीन-तीन माकपा और भाजपा के और बाकी टीएमसी के कार्तिकर्ता बताये गए थे। सीएम ने दावा किया था कि राज्य के 71 हजार बूथों में से सिर्फ 3 बूथों भांगड़ (दक्षिण 24 परगना), डोमकल और कूचबिहार (मुर्शिदाबाद) शामिल हैं। विपक्षी दलों ने चुनाव के दौरान गोलीबारी, खून खराबा और बमबाजी का आरोप लगाते हुए सरकार को घेरा था तो वहीं दूसरी ओर ममता बनर्जी ने पंचायत चुनाव के दौरान हुई मौतों को राजनीतिक रूप देने से मना किया था।