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पश्चिम बंगाल उपचुनाव: तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में दिलचस्प चुनावी जंग

पश्चिम बंगाल में छह सीटों पर उपचुनाव को लेकर तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच दिलचस्प चुनावी जंग देखने को मिली। इस उपचुनाव में चतुष्कोणीय मुकाबला देखने को मिला। तृणमूल कांग्रेस, भाजपा, वाम मोर्चा और कांग्रेस ने पूरा जोर लगाया। सत्तारूढ़ टीएमसी और विपक्षी भाजपा दोनों ने सभी छह सीटों- नैहाटी, हरोआ, मेदिनीपुर, तालडांगरा, सीताई (एससी) और मदारीहाट (एसटी) पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।

कोलकाताNov 14, 2024 / 04:58 pm

Rabindra Rai

पश्चिम बंगाल उपचुनाव: तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में दिलचस्प चुनावी जंग

टीएमसी लोगों का समर्थन परखने को उत्सुक, भाजपा को बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद

पश्चिम बंगाल में छह सीटों पर उपचुनाव को लेकर तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच दिलचस्प चुनावी जंग देखने को मिली। इस उपचुनाव में चतुष्कोणीय मुकाबला देखने को मिला। तृणमूल कांग्रेस, भाजपा, वाम मोर्चा और कांग्रेस ने पूरा जोर लगाया। सत्तारूढ़ टीएमसी और विपक्षी भाजपा दोनों ने सभी छह सीटों- नैहाटी, हरोआ, मेदिनीपुर, तालडांगरा, सीताई (एससी) और मदारीहाट (एसटी) पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। इनमें से पांच निर्वाचन क्षेत्र टीएमसी के गढ़ हैं। आरजी कर बलात्कार और हत्या का मामला चुनाव के मुख्य चर्चा बिंदुओं में से एक रहा। आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल मामले से निपटने को लेकर राज्य सरकार की आलोचना के बीच भाजपा को अधिकांश सीटों पर बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या हुई थी। इस मामले ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्रशासन पर छाया डाली है। सरकारी अस्पताल की घटना के विरोध में जूनियर डॉक्टरों ने पीडि़ता को न्याय दिलाने और व्यवस्थागत सुधारों की मांग करते हुए कई महीनों तक आंदोलन किया, जिससे चुनाव से कुछ ही दिन पहले राजनीतिक माहौल पर भी इसका काफी असर पड़ा। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि आरजी कर अस्पताल की घटना के कारण खासतौर पर शहरों में सत्ता विरोधी भावना तेज हुई। टीएमसी नेतृत्व आरजी कर घटना को लेकर जूनियर डॉक्टरों और लोगों में असंतोष के बीच समर्थन के मौजूदा स्तर को परखने के लिए उत्सुक है।

राजनीति के भविष्य की दिशा का संकेत संभव

भाजपा नेताओं को खासतौर पर आरजी कर घटना के बाद इन उपचुनावों में पार्टी के जीतने की संभावना नजर आ रही है। भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कहा कि हमें मदारीहाट सीट बरकरार रखने तथा शेष पांच सीटों पर भी जीत हासिल करने का पूरा भरोसा है। अलीपुरद्वार के मदारीहाट विधानसभा क्षेत्र के भाजपा उम्मीदवार राहुल लोहार ने कहा कि भाजपा को मदारीहाट की जनता 2014 से आशीर्वाद देती रही है। मुझे विश्वास है कि जिस तरह महिलाओं पर अत्याचार हुआ है उसका जवाब जनता इस उपचुनाव में देगी। हमारी 100 फीसदी जीत होगी। भाजपा उम्मीदवार राहुल ने मतदान के बाद मीडिया के सामने यह प्रतिक्रिया व्यक्त की। एक तरह से उपचुनाव सत्तारूढ़ तृणमूल के लिए एक परीक्षा है। राजनीतिक विशलेषकों के मुताबिक चुनाव सत्तारूढ़ टीएमसी और विपक्षी भाजपा दोनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इससे राज्य में राजनीति के भविष्य की दिशा का संकेत मिलेगा।

घिरा रहा आरोपों और विवादों से

उपचुनाव आरोपों, कारण बताओ नोटिस और विवादों से घिरा रहा। सत्तारूढ़ पार्टी ने अपनी शिकायतों के निराकरण में कथित देरी को लेकर निर्वाचन आयोग पर बार-बार निशाना साधा। टीएमसी ने दावा किया कि केंद्रीय बलों के दुरुपयोग सहित उनकी चिंताओं का तुरंत समाधान नहीं किया गया। हालांकि आयोग ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा कि उसने टीएमसी से शिकायतें मिलने के तुरंत बाद कार्रवाई की। आयोग ने राज्य पुलिस और राष्ट्रीय चिन्ह के अपमान को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया। टीएमसी सांसद अरूप चक्रवर्ती ने कथित तौर पर पार्टी कार्यकर्ताओं से मतदान के दिन मतदाताओं को संगठित करने का आग्रह किया, जिसके बारे में भाजपा ने तर्क दिया कि यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है।

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