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बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ समेत 5 को जमानत मिलने का मामला अधर में लटका

पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े मामले में राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और चार अन्य आरोपियों को जमानत मिलने का मामला अधर में लटक गया है। कलकत्ता हाईकोर्ट की खंडपीठ के दो न्यायाधीशों में सहमति नहीं बन पाने के कारण मामला मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम के पास भेज दिया गया। मुख्य न्यायाधीश तीसरे न्यायाधीश को नियुक्त करेंगे। तीसरे न्यायाधीश का फैसला अहम होगा।

कोलकाताNov 21, 2024 / 06:34 pm

Rabindra Rai

बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ समेत 5 को जमानत मिलने का मामला अधर में लटका

तीसरे न्यायाधीश का फैसला अहम होगा

पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े मामले में राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और चार अन्य आरोपियों को जमानत मिलने का मामला अधर में लटक गया है। कलकत्ता हाईकोर्ट की खंडपीठ के दो न्यायाधीशों में सहमति नहीं बन पाने के कारण मामला मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम के पास भेज दिया गया। मुख्य न्यायाधीश तीसरे न्यायाधीश को नियुक्त करेंगे। तीसरे न्यायाधीश का फैसला अहम होगा। कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका पर विभाजित फैसला दिया है। न्यायमूर्ति अरिजीत बंद्योपाध्याय ने जहां पीठ के समक्ष अपील करने वाले सभी नौ आरोपियों की जमानत मंजूर कर ली, वहीं न्यायमूर्ति अपूर्व सिन्हा रॉय ने पार्थ चटर्जी और शिक्षा विभाग के चार पूर्व अधिकारियों – सुबीरेश भट्टाचार्य, अशोक साहा, कल्याणमय गंगोपाध्याय और शांति प्रसाद सिन्हा को जमानत दिए जाने के खिलाफ फैसला सुनाया। हालांकि दोनों न्यायाधीश इस मामले में चार अन्य संदिग्धों – कौशिक घोष, सुब्रत सामंत रॉय, एसके अली इमाम और चंदन उर्फ रंजन मंडल को जमानत देने पर सहमत हुए। उन पर पैसे लेकर नौकरी देने के मामले में एजेंट और बिचौलिए के रूप में कार्य करने के आरोप लगाए गए थे।

कुंतल घोष को जमानत, पर रहेंगे जेल में

दूसरी ओर प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाले के ईडी मामले में गिरफ्तार तृणमूल नेता कुंतल घोष को कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल पीठ की न्यायाधीश शुभ्रा घोष ने सशर्त जमानत दे दी। कुंतल घोष को 10 लाख के निजी मुचलके पर जमानत मिली है। उन्हें अपना पासपोर्ट निचली अदालत में जमा रखना होगा। वे अपना मोबाइल नंबर बदल नहीं सकेंगे तथा गवाहों को प्रभावित नहीं कर सकेंगे। कुंतल घोष पर सीबीआइ का मुकदमा है। इसलिए कुंतल अभी जेल में ही रहेंगे।

चार अन्य को जमानत देने से इनकार

पार्थ चटर्जी समेत 5 पर भले ही सहमति नहीं बन पाई हो पर, भर्ती घोटाले में एजेंट के तौर पर काम करने वाले चंदन मंडल, कौशिक घोष और दो अन्य को खंडपीठ के दोनों न्यायाधीशों ने जमानत दे दी। पार्थ चटर्जी समेत चार अन्य अधिकारियों को जमानत देने से इनकार करते हुए न्यायाधीश अपूर्व सिन्हा राय ने कहा कि भर्ती घोटाले में इनके सीधे जुड़े होने के सबूत पाए गए हैं। न्यायाधीश सिन्हा राय ने कहा कि एजेंसी ने घोटाले से जुड़े हुए कुछ अन्य सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भी सबूत पाए हैं। मुख्य सचिव से इनसे पूछताछ करने की अनुमति देने को कहा गया था। हाईकोर्ट के पूर्व आदेशों पर भी मुख्य सचिव ने एजेंसी को अनुमति नहीं दी। यदि अगले 15 दिन के भीतर अनुमति नहीं दी गई तो मान लिया जाएगा कि सरकार से अनुमति मिल गई है।

चटर्जी दो साल से अधिक समय से जेल में

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज्य स्कूल भर्ती घोटाला मामले में पार्थ चटर्जी को 23 जुलाई 2022 को गिरफ्तार किया और बाद में सीबीआइ ने भी उन्हें गिरफ्तार कर लिया। सीबीआइ ने उसी मामले में विभाग के चार अधिकारियों को भी बाद में गिरफ्तार किया। चटर्जी दो साल से अधिक समय से जेल में बंद हैं। उन्होंने पहले भी कई मौकों पर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिकाएं दायर की हैं। उनकी याचिकाएं अदालत की एकल पीठ और खंडपीठ द्वारा खारिज कर दी गईं। तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता ने ईडी द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मामलों में भी जमानत याचिका दायर की। कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष की पीठ ने इस साल अप्रेल में सुनवाई पूरी होने के बाद उस याचिका को भी खारिज कर दिया। साल 2022 में चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद, ईडी ने उनकी ‘करीबी सहयोगी’ अर्पिता मुखर्जी के दो फ्लैट से लगभग 50 करोड़ रुपए नकद और सोने के आभूषण और विदेशी मुद्राएं बरामद की थीं। मुखर्जी फिलहाल प्रेसीडेंसी सुधार गृह में बंद हैं।

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