पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रत्याशी जीत नहीं मिलने के बाद तृणमूल कांग्रेस से आए पार्टी के कुछ नेता घर वापसी का संकेत देने लगे हैं। इस क्रम में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और विधायक मुकुल रॉय के पुत्र शुभ्रांशु रॉय के एक फेसबुक पोस्ट ने उनके पार्टी छोड़ने की अटकले तेज कर दी है। राजनीतिक गलियारों में इस सवाल का जवाब जानने की उत्सुकता बढ़ने लगी है कि क्या सचमुच मुकुल रॉय के बेटे तृणमूल कांग्रेस से भाजपा में आए कुछ अन्य नेताओं की तरह घर वापसी करने जा रहे है। अगर नहीं तो सोशल मीडिया पर ऐसा पोस्ट करने का उद्देष्य क्या है।
शुभ्रांशु रॉय की ओर से अपने फेसबुक पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चक्रवात समीक्षा बैठक के प्रकरण में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पक्ष लेने से सवाल उठ रहा है कि क्या वे तृणमूल कांग्रेस में वापसी कर जाएंगे। सोशल मीडिया पर भी इसकों लेकर काफी हो हंगामा है। जब इस बारे में पूछे गए सवाल के जवाब देने पर शुभ्रांशु रॉय ने अपने बारे में सोशल मीडिया पर चल रहे अटकलों पर चुप्पी साध ली। उन्होंने दो टूक जवाब दिया कि अभी वे इस संदर्भ में कुछ भी नहीं कहान चाहते हैं। उनकी मां की तबियत खराब है। इस बारे में वे कुछ कहना नहीं चाहते हैं।
स्पष्ट जवाब नहीं देने के कारण उनके भाजपा छोड़ कर तृणमूल कांग्रेस में वापसी को लेकर अटकले जारी हैं। राजनीतिक गलियारों में शुभ्रांशु रॉय के फेसबुक पोस्ट को उनके अपनी पुरानी पार्टी में घर वापसी से जोड़ कर देखा जा रहा है। इससे पहले विधायक पद की शपथ लेने के बाद मुकुल रॉय ने भी भाजपा विधायक दल के कार्यालय में न जाकर तृणमूल कांग्रेस विधायक दल के कार्यालय में जाकर भाजपा छोड़ कर तृणमूल कांग्रेस में वापसी के अटकलों को जन्म दिया था। लेकिन बाद में उन्होंन ट्वीट कर भाजपा छोड़ने की अटकलों पर विराम दिया था।
चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए ममता बनर्जी की करीबी सोनाली गुहा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर तृणमूल कांग्रेस में शामिल करने का आग्रह किया। ममता बनर्जी को लिखे पत्र में लिखा था कि ममता दीदी उन्हें तृणमूल कांग्रेस में शामिल कर लीजिए। दीदी के बिना वे जिंदा नहीं रह पाएंगी।
फेसबुक पोस्ट में ममता सरकार का लिया पक्ष
भाजपा नेता मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांशु रॉय ने शनिवार रात एक फेसबुक पोस्ट में लिखा कि जनता का समर्थन प्राप्त करके आई सरकार की आलोचना करने से पहले पार्टी को खुद का आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है। भाजपा चुनी गई सरकार की आलोचना बंद करें और आत्मनिरीक्षण करें।