अधिकारियों की उपस्थिति में लॉन्च किया पोर्टल को
राज्य पुलिस मुख्यालय भवानी भवन में वरिष्ठ सीआईडी अधिकारियों की उपस्थिति में इस पोर्टल को लॉन्च किया गया। इस दौरान एडीजी और आईजी सीआईडी डॉ आर राजशेखरन, आईजी सीआईडी विशाल गर्ग, एडीजी और आईजी (दक्षिण बंगाल) सुप्रतिम सरकार, आईजी ट्रैफिक सुकेश जैन, आईजी सीआईडी अखिलेश चतुर्वेदी और एडीजी और आईजी (मुख्यालय) अजय कुमार उपस्थित थे।
यह है पूरी प्रक्रिया
आईजी (यातायात) सुकेश जैन ने कहा कि अब तक पीसीसी देने की प्रक्रिया में लगभग 30 दिन लगते थे। इस पोर्टल के शुरू होने से अब यह काम 72 घंटे के भीतर हो जाएगा और वह भी बिना परेशानी के। इसके लिए लोगों को ऑनलाइन आवेदन पत्र को भरने के साथ ही एक तस्वीर और आवश्यक सहायक दस्तावेज अपलोड करना होगा। साथ ही नेटबैंकिंग, डेबिट या क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 300 रुपए शुल्क का भुगतान करना होगा।
जमा करना होगा आवेदन और शुल्क
उन्होंने कहा कि एक बार आवेदन और शुल्क जमा करने के बाद इसकी सारी जानकारी डिजिटल रूप से संबंधित थाने को भेज दी जएगी। इसके बाद अधिकारी आवेदक के पते पर भौतिक सत्यापन करेंगे और व्यापक रिकॉर्ड जांच करेंगे। सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने पर आवेदक को एक डिजिटल हस्ताक्षरित पीसीसी ईमेल किया जाएगा। प्रमाणपत्र जारी होने या अस्वीकृति की पुष्टि करने वाली एक एसएमएस अधिसूचना भी भेजी जाएगी।
क्या है पीसीसी
पुलिस क्लीयरेंस सर्टिफिकेट (पीसीसी) पुलिस की ओर से जारी किया गया एक आधिकारिक दस्तावेज है, जो यह प्रमाणित करता है कि किसी व्यक्ति का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है या वह किसी भी आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं है। इसके परिणामस्वरूप आपराधिक सजा हुई है। इस प्रमाणपत्र की अक्सर विभिन्न उद्देश्यों जैसे परदेश में बसने, रोजगार, या किसी विदेश में निवास के लिए आवश्यकता होती है।