कोलकाता

पश्चिम बंगाल में संगीत के जरिए पेशेवरों का जलवायु परिवर्तन जागरूकता अभियान

संगीत के माध्यम से चीजों को बदलने के मिशन में जुटे कंप्यूटर इंजीनियर सहित विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवरों की बैंड पार्टी रेडिकल ऐरे प्रोजेक्ट (टीआरएपी) ने जलवायु परिवर्तन को लेकर जागरूकता फैलाने का अभियान शुरू किया है। बिगड़ते इकोसिस्टम के मद्देनजर 10 वर्ष से आईआईटी, एम्स और जादवपुर विश्वविद्यालय जैसे शिक्षण संस्थानों में गीत-संगीत कार्यक्रम पेश कर धूम मचाने वाले इस बैंड ने प्रकृति सामंजस्य स्थापित करने के लिए विश्व धरोहर स्थल सुंदरवन को चुना है।

कोलकाताOct 15, 2024 / 04:02 pm

Rabindra Rai

पश्चिम बंगाल में . संगीत के जरिए पेशेवरों का जलवायु परिवर्तन जागरूकता अभियान

प्रकृति में सामंजस्य स्थापित करने के लिए सुंदरवन में रोपे मैंग्रोव पौधे

संगीत के माध्यम से चीजों को बदलने के मिशन में जुटे कंप्यूटर इंजीनियर सहित विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवरों की बैंड पार्टी रेडिकल ऐरे प्रोजेक्ट (टीआरएपी) ने जलवायु परिवर्तन को लेकर जागरूकता फैलाने का अभियान शुरू किया है। बिगड़ते इकोसिस्टम के मद्देनजर 10 वर्ष से आईआईटी, एम्स और जादवपुर विश्वविद्यालय जैसे शिक्षण संस्थानों में गीत-संगीत कार्यक्रम पेश कर धूम मचाने वाले इस बैंड ने प्रकृति सामंजस्य स्थापित करने के लिए विश्व धरोहर स्थल सुंदरवन को चुना है। इसके सदस्यों ने सुन्दरवन के दलदली इलाकों में 1000 मैंग्रोव पौधे लगाए और जलवायु परिवर्तन के प्रति ग्रामीणों को जागरूक किया।
यह बैंड अब तक देश के 25 राज्यों के आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी, एम्स, आईआईएससी, आईआईईएसटी, जादवपुर विश्वविद्यालय और प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय जैसे प्रमुख भारतीय शिक्षण संस्थानों में संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत कर अपनी पहचान बना चुका है।

1,000 पौधे लगाने का लक्ष्य किया हासिल

इस बैंड के संस्थापक सदस्य भाश्वर सेन ने बताया कि हमने दो कारणों से जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता फैलाने और प्रकृति में सामंजस्य स्थापित करने के लिए सुंदरवन को चुना। पहला कारण कि यह एक विश्व धरोहर स्थल है और इसे संरक्षित करने की आवश्यकता है और दूसरा, जलवायु परिवर्तन में मैंग्रोव पेड़ अधिक मददगार होते हैं। मैंग्रोव की अद्भुत कार्बन अवशोषण शक्ति के कारण कार्बन उत्सर्जन कम होता है और ग्लोबल वार्मिंग से निपटने में मदद मिलती है। कंप्यूटर विज्ञान में स्नातक भाश्वर बैंड में भास्वर सेन वायलिन वादक हैं। उन्होंने बताया कि हम स्थानीय लोगों के साथ मैंग्रोव जंगलों में गए, जिन्होंने बहुत उदारता से हमारे लिए पौधों की व्यवस्था की। घुटनों तक कीचड़ भरी जगह पार कर हमने मैंग्रोव के पौधे रोपे। स्थानीय स्वयंसेवकों की सहायता से हमने 1,000 पौधे लगाने के अपने लक्ष्य हासिल किया।

खतरे में सुंदरवन, इसे बचाना कर्तव्य

बैंड के संगीतकारों ने बताया कि लगातार तेजी गति से भागती दुनिया में व्यावसायिक प्रतिष्ठान स्थापित करने के लिए पेड़ों की कटाई को प्रगति के संकेत के रूप में देखा जाता है। ऐसे में प्रकृति को वापस लौटाने की दिशा में पहल कर हमारे बैंड सदस्यों के लिए खुशी की अनुभूति है। हमने देखा कि कैसे सुंदरवन क्षेत्र में पेड़ों की कमी से तटबंध टूट रहे हैं, जिनकी जड़ें किनारों को पकडक़र रखती हैं। पेड़ों के अभाव में सुंदरवन सहित पश्चिम बंगाल के नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र में असंतुलन पैदा हो गया। इसलिए हम लोगों ने सुंदरवन में मैंग्रोव पौधे लगाने का काम किया। बैंड के एक सदस्य ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग आजकल एक बड़ा मुद्दा है।

200 पौधे भी बच गए तो बड़ी बात

भास्वर सेन ने कहा कि विश्व धरोहर स्थल हमारे घर के बहुत करीब है और खतरे में है। इसे बचाना हमारा कर्तव्य है। हमने लगाए गए 1,000 पौधों में से, अगर केवल 100-200 पौधे भी बच गए, तो वे गांव के लिए चमत्कार कर देंगे।
भाश्वर बताते हैं कि हम लोगों ने बैंड के नाम रेडिकल ऐरे इस लिए रखा है, क्योंकि ऐरे इंजीनियरिंग में इस्तेमाल किया जाने वाला एक शब्द है, जो एक पैटर्न में एक साथ खड़ी समान शक्तियों के लिए इस्तेमाल होता है। हम सदस्य भी समान विचारधारा वाले हैं और ‘रेडिकल’ इसलिए रखा है, क्योंकि हम संगीत के माध्यम से चीजों को बदलना चाहते हैं।

संबंधित विषय:

Hindi News / Kolkata / पश्चिम बंगाल में संगीत के जरिए पेशेवरों का जलवायु परिवर्तन जागरूकता अभियान

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.