बंगाल सरकार-राज्यपाल के विवाद में अब तमिलनाडु के सीएम कूदे
केन्द्र की राजनीति में विपक्ष का चेहरा बनने की कोशिश में लगी तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी को राज्यपाल के मुद्दे पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन का समर्थन भी मिलता दिख रहा है। राज्य में राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ राज्य सरकार की तनातनी के बीच जहां स्टालिन ने ट्वीट कर राज्यपाल की भूमिका पर सवाल उठाए। वहीं ममता ने भी देरी किए बिना स्टालिन को फोन किया। उनके सामने गैर भाजपा मुख्यमंत्रियों की बैठक आयोजित करने का प्रस्ताव रखा।
बंगाल सरकार-राज्यपाल के विवाद में अब तमिलनाडु के सीएम कूदे
स्टालिन का ट्वीट, सीएम ममता का फोन
ममता ने गैर भाजपा मुख्यमंत्रियों की बैठक का प्रस्ताव रखा
कोलकाता. केन्द्र की राजनीति में विपक्ष का चेहरा बनने की कोशिश में लगी तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी को राज्यपाल के मुद्दे पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन का समर्थन भी मिलता दिख रहा है। राज्य में राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ राज्य सरकार की तनातनी के बीच जहां स्टालिन ने ट्वीट कर राज्यपाल की भूमिका पर सवाल उठाए। वहीं ममता ने भी देरी किए बिना स्टालिन को फोन किया। उनके सामने गैर भाजपा मुख्यमंत्रियों की बैठक आयोजित करने का प्रस्ताव रखा।
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स्टालिन से चर्चा, गोलबंद होने का आह्वान
ममता ने रविवार को स्टालिन को फोन किया और गैर भाजपा शासित राज्यों में राज्यपाल की भूमिका के खिलाफ गोलबंद होने का आह्वान किया। बातचीत के दौरान ममता ने स्टालिन से कहा कि गैर भाजपा शासित राज्यों के राज्यपाल अपनी क्षमता का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके खिलाफ जल्द ही दिल्ली में भाजपा विरोधी दल शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई जानी चाहिए। दूसरी ओर एमके स्टालिन ने ट्वीट कर बताया कि ममता बनर्जी ने सभी गैर-भाजपा मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाने का प्रस्ताव दिया है। जल्द ही दिल्ली में भाजपा विरोधी मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई जाएगी।
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संविधान का अपमान कर रही दीदी
नेता प्रतिपक्ष शुभेन्दु अधिकारी ने स्टालिन के ट्वीट को रीट्वीट कर ममता बनर्जी पर संविधान का अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने अपने ट्वीट में तंज कसते हुए स्टालिन से कहा कि आपकी प्रिय ममता दीदी और उनकी सरकार लगातार संविधान का अपमान कर रही हैं। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा है कि बंगाल में कानून का राज नहीं है।
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टिप्पणी सच्चाई के अनुरूप नहीं: राज्यपाल
स्टालिन ने धनखड़ को लेकर ट्वीट किया। उनके विधानसभा का सत्र स्थगित करने के फैसले पर सवाल उठाए। उनके निर्णय को प्रचलित परंपराओं का उल्लंघन बताया। इसके जवाब में राज्यपाल ने भी ट्वीट कर कहा कि स्टालिन की सख्त टिप्पणी सच्चाई से जुड़े आदेश के अनुरूप नहीं है। इसके साथ ही राज्यपाल ने विधानसभा स्थगित करने के निर्णय को राज्य सरकार की इच्छा से उठाया गया कदम बताकर इस विवाद को खत्म करने की कोशिश भी की। उन्होंने स्टालिन को विधानसभा स्थगित करने से संबंधित राजभवन के नोट को भी ट्वीट में शामिल किया। जिसमें कहा गया है कि राज्य के संसदीय मामलों के विभाग की अनुशंसा पर ही सत्र स्थगित किया गया है।
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