लोकसभा में सांसदों को शांत करने तथा उन्हें उनकी मर्यादा का खयाल रखने की नसीहत देना अब आम बात हो गई है। सदन में मुद्दा चाहे कुछ भी हो सत्तापक्ष और विपक्षी सदस्यों के बीच शोर शराबा और हो-हल्ला की मानो होड़ सी लग गई है। संसद के भीतर असंसदीय आचरण करने के चलते 16 वें लोकसभा में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी सहित कांग्रेस के कई सांसदों को निलम्बित करने जैसी घटना सर्वविदित है। लोकसभा में शुक्रवार को ऐसी ही एक घटना हुई जब शून्यकाल के दौरान भाजपा सदस्य लॉकेट चटर्जी ने पश्चिम बंगाल में पाश्र्व शिक्षकों के भूख हड़ताल जैसे आंदोलन करते वक्त हुई एक शिक्षिका की मौत के मु²े को उठाया। इसे लेकर भाजपा सदस्यों और तृणमूल कांग्रेस सदस्यों के बीच नोकझोंक होने लगी। इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री तथा आसनसोल से भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो हंगामे के बीच टोकाटाकी करने लगे। स्पीकर ओम बिड़ला ने बाबुल की टीका टिप्पणियों पर नाराजगी जताते हुए उन्हें मंत्री पद की मर्यादा समझने की नसीहत दी।
स्पीकर ने उन्हें दो बार फटकार लगाई। भाजपा सांसद लॉकेट ने भूख हड़ताल के दौरान संविदा शिक्षक की मौत पर राज्य सरकार के खिलाफ शिक्षकों के साथ अत्याचार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है। शिक्षकों के खिलाफ बल प्रयोग किया जा रहा है। तृणमूल सांसदों ने इसका तीखा विरोध किया। इस दौरान सुप्रियो ने कई बार अपनी सीट पर खड़े हो कर टिप्पणी की। जिसके बाद स्पीकर ओम बिड़ला सुप्रियो पर नाराज हो गए।
उन्होंने कहा, आप मंत्री पद की मर्यादा समझिये, अब आप अपनी सीट से खड़े नहीं होंगे।तृणमूल ने लिखा स्पीकर को पत्र:पश्चिम बंगाल से निर्वाचित भाजपा सांसदों का लोकसभा में असंवैधानिक आचरण को हथियार बनाकर तृणमूल कांग्रेस संसदीय दल ने स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखा है।
दल के नेता सुदीप बंद्योपाध्याय ने बताया कि उन्होंने इसकी शिकायत स्पीकर से की है। भाजपा के सांसद राज्य की सीएम का नाम लेकर सदन में अनाप-शनाप बोल रहे हैं। सदस्यों की हरकत संसदीय परम्परा के विपरीत है।