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कोलकाता

लोकनाथ मंदिर हादसा: क्या हुआ ऐसा जो चंद मिनटों में उत्साह का माहौल मातम में बदल गया

चारों ओर चहल-पहल थी। बाबा लोकनाथ मंदिर (Baba Loknath Temple) के आस-पास मेला जैसा माहौल था। पूजन सामग्री के साथ खाने-पीने और खिलौनों की दुकानें सजी थीं। एक तरफ श्रद्धालुओं में अष्टमी की शुभ तिथि पर बाबा लोकनाथ मंदिर में जलाभिषेक करने को लेकर उत्साह था तो दूसरी तरफ ग्रामीणों (जो मेले में दुकान लगाए थे) को इस बार के मेले से अच्छी आमदनी की उम्मीद थी। अचानक…

कोलकाताAug 23, 2019 / 08:23 pm

Ashutosh Kumar Singh

लोकनाथ मंदिर हादसा: क्या हुआ ऐसा जो चंद मिनटों में उत्साह का माहौल मातम में बदल गया

लोकनाथ मंदिर हादसा: क्या हुआ ऐसा जो चंद मिनटों में उत्साह का माहौल मातम में बदल गया

कोलकाता

कृष्ण जन्माष्टमी (Krishn Janmashtmi) को लेकर कोलकाता (Kolkata) से लगभग 55 किलोमीटर दूर उत्तर 24 परगना जिले के कचुआ इलाके मे पिछले कई दिनों से उत्साह जैसा माहौल था। चारों ओर चहल-पहल थी। बाबा लोकनाथ मंदिर (Baba Loknath Temple) के आस-पास मेला जैसा माहौल था। पूजन सामग्री के साथ खाने-पीने और खिलौनों की दुकानें सजी थीं। एक तरफ श्रद्धालुओं में अष्टमी की शुभ तिथि पर बाबा लोकनाथ मंदिर में जलाभिषेक करने को लेकर उत्साह था तो दूसरी तरफ ग्रामीणों (जो मेले में दुकान लगाए थे) को इस बार के मेले से अच्छी आमदनी की उम्मीद थी। गुरुवार शाम से श्रद्धालुओं के उमड़ते हुजूम देख उनकी उम्मीदें और बढ़ गई थी। देर रात अचानक तेज हवा के साथ शुरू हुई बारिश फिर श्रद्धालुओं के बीच मची भगदड़ ने सबकुछ बदल कर रख दिया। चंद मिनटों में इलाके में मातम पसर गया।
प्रत्येक साल कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में कचुआ में बाबा लोकनाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है। ग्रामीणों की ओर से मेले का आयोजन किया जाता है। हादसे के कारण को लेकर अलग-अलग तरह की बात सामने आ रही है। जिला प्रशासन हादसे की वजह श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ बता रही है, तो स्थानीय लोग सुरक्षा व्यवस्था के अभाव बता रहे हैं। मंदिर कमेटी इसे दुर्घटना बता रही है।
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यूं हुआ हादसा
कोलकाता से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित बाबा लोकनाथ मंदिर में अष्टमी के अवसर पर जलाभिषेक के लिए करीब 5-7 लाख श्रद्धालु पहुंचे थे। कच्ची डगर पर कीचड़ के बीच रात से ही श्रद्धालु कतार में खड़े थे। तेज हवा के साथ बारिश हो रही थी। तडक़े ३ बजे से मंदिर का द्वार जलाभिषेक के लिए खोला गया। मंदिर का द्वार खुलते ही पहले जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मच गई। श्रद्धालु कतार तोडक़र दौडऩे लगे। इससे भगदड़ मच गई। भगदड़ से बचने के लिए कुछ लोग मंदिर के पास स्थित तालाब के किनारे बनी चारदीवारी पर चढ़ गए। श्रद्धालुओं में धक्का-मुक्की शुरू हो गई। भीड़ के दबाव के कारण चारदीवारी ढह गई। इसके बाद भगदड़ सी मच गई। कुछ लोग चारदीवारी के साथ तालाब में गिर पड़े तो कुछ लोगों के पैरों तले कुचल गए। घायलों में बच्चे, बूढ़े व महिलाएं सभी शामिल हैं।

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