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कोलकाता रेप व मर्डर: करीबी कारोबारी से इतने करोड़ का सोना जब्त

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष से कथित तौर पर जुड़े एक कारोबारी से 8 करोड़ रुपए का सोना जब्त किया। डॉ. घोष फिलहाल सीबीआइ की हिरासत में हैं। सीबीआइ ने डॉ. घोष पर अस्पताल में कई वित्तीय अनियमितताओं का भी आरोप लगाया है। इस बात की जांच की जा रही है कि इतनी बड़ी मात्रा में सोने का कोई अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन है या नहीं। घटना से आसपास सनसनी फैल गई।

कोलकाताSep 09, 2024 / 03:00 pm

Rabindra Rai

कोलकाता रेप व मर्डर: करीबी कारोबारी से इतने करोड़ का सोना जब्त

कारोबारी को लिया हिरासत में, अन्य कनेक्शनों की भी जांच कर रही एजेंसी

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष से कथित तौर पर जुड़े एक कारोबारी से 8 करोड़ रुपए का सोना जब्त किया। डॉ. घोष फिलहाल सीबीआइ की हिरासत में हैं। सीबीआइ ने डॉ. घोष पर अस्पताल में कई वित्तीय अनियमितताओं का भी आरोप लगाया है। इस बात की जांच की जा रही है कि इतनी बड़ी मात्रा में सोने का कोई अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन है या नहीं। घटना से आसपास सनसनी फैल गई।
घोष के करीबी कारोबारी को साल्टलेक स्थित उसके घर से हिरासत में लेने वाले ईडी अधिकारियों के सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसी अन्य कनेक्शनों की भी जांच कर रही है, जहां डॉ. घोष मेडिकल घोटालों से मिलने वाले अवैध धन को रखते थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ईडी ने जांच के तहत घोष के एक सहयोगी के कुछ संपत्तियों के बारे में पता चला। उसी दिन ईडी ने जांच के तहत घोष और उनके तीन सहयोगियों के कोलकाता और हावड़ा समेत कई स्थानों पर स्थित आवासों पर छापेमारी भी की थी। छापेमारी के बाद एजेंसी ने डॉ. घोष के करीबी सहयोगी प्रसून चटर्जी को हिरासत में लिया। चटर्जी, जो नेशनल मेडिकल कॉलेज में डेटा एंट्री ऑपरेटर के रूप में काम करते थे, को पश्चिम बंगाल के कैनिंग शहर में घोष की संपत्ति पर भी ले जाया गया।

गठजोड़ था सह-आरोपियों के साथ

सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक पूर्व प्राचार्य संदीप घोष अन्य सह-आरोपियों के साथ मिलकर अनुचित लाभ के लिए आपराधिक गिरोह चला रहे थे। अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी सीबीआइ जांच के शुरुआती निष्कर्षों में यह बात सामने आई है। उन्होंने कहा कि सीबीआइ ने इस सप्ताह की शुरुआत में विशेष अदालत के समक्ष भी सुनवाई के दौरान अपने ये निष्कर्ष पेश किए थे। सीबीआई ने घोष, उनके सुरक्षा गार्ड और दो वेंडर को सरकारी अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं में कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया था। अधिकारी ने कहा कि ये दोनों वेंडर घोष को तब से जानते थे, जब वे मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कार्यरत थे। हमने पाया है कि घोष के साथ निकटता के कारण ही उन्हें आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के ठेके दिए थे।

संगठन को लाभ पहुंचाया

अधिकारी ने कहा कि सीबीआइ की जांच में यह भी पता चला है कि किस तरह घोष ने अस्पताल के अंदर एक कैफे का ठेका देकर अपने सुरक्षा गार्ड की पत्नी से संबंधित संगठन को लाभ पहुंचाया। ये दोनों वेंडर मुर्शिदाबाद में थे और आरजी कर अस्पताल का प्राचार्य बनने पर घोष उन्हें कोलकाता ले आए। उन्हें अस्पताल में सामग्री की आपूर्ति के लिए तरजीह दी गई थी घोष 2016 से 2018 के बीच मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में तैनात थे।

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