संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) को लेकर देश भर में चल रहे विरोध के दौरान केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा है। ममता बनर्जी की तरह केरल के मुख्यमंत्री भी सीएए और एनआरसी का विरोध कर रहे हैं। पिनाराई विजयन ने अपने पत्र में ममता बनर्जी से विवादास्पद संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) के खिलाफ विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित करने का अनुरोध किया है। विजयन पत्र में ममता से अनुरोध किया है कि वे राष्ट्र की ‘धर्मनिरपेक्ष साख ’ पर सीएए के प्रभाव के संबंध में एक संकल्प के साथ आगे आएं और केंद्र सरकार से इसे रद्द करने का आग्रह करें।
केरल देश का पहला ऐसा राज्य है जिसने 31 दिसंबर 2019 को विधानसभा में इस तरह के एंटी-सीएए प्रस्ताव को पेश किया था। अपने पत्र में विजयन ने लिखा कि सभी राज्य जो सीएए के खिलाफ हैं, उन्हें समान संकल्पों के साथ आना चाहिए। यह जरुरी है।
केरल देश का पहला ऐसा राज्य है जिसने 31 दिसंबर 2019 को विधानसभा में इस तरह के एंटी-सीएए प्रस्ताव को पेश किया था। अपने पत्र में विजयन ने लिखा कि सभी राज्य जो सीएए के खिलाफ हैं, उन्हें समान संकल्पों के साथ आना चाहिए। यह जरुरी है।
केरल के मुख्यमंत्री ने कहा है कि उनकी सरकार ने एंटी सीएए प्रस्ताव के माध्यम से केंद्र सरकार से सीएए को निरस्त करने का अनुरोध किया। उनका कहना है कि जिन राज्यों की य है कि सीएए को निरस्त किया जाना चाहिए, वे भी इसी तरह के कदमों पर विचार कर सकते हैं।
केरल के मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह समय उन सभी लोगों के एकजुट होने का है जो लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के हमारे पोषित मूल्यों की रक्षा और संरक्षण करना चाहते हैं। हमें यकीन है कि विविधता में हमारी एकता, जो समय की कसौटी पर खरी उतरी है, अंतत: मजबूत बनेगी।
केरल के मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह समय उन सभी लोगों के एकजुट होने का है जो लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के हमारे पोषित मूल्यों की रक्षा और संरक्षण करना चाहते हैं। हमें यकीन है कि विविधता में हमारी एकता, जो समय की कसौटी पर खरी उतरी है, अंतत: मजबूत बनेगी।