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तीन दिन में 10 फीसदी दाम बढऩे से भोजन की थाली महंगी, आमलोगों का बिगड़ रहा है बजट

प्याज के साथ आलू भी निकाल रहा आंसू आलू और प्याज की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी के लिए भोजन की थाली महंगी कर दी। उनका बजट बिगड़ रहा है। पिछले तीन दिन के अंदर आलू के भाव में तकरीबन 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। शुक्रवार को पोस्ता मंडी में आलू का थोक भाव […]

कोलकाताSep 24, 2024 / 11:16 am

Rabindra Rai

तीन दिन में 10 फीसदी दाम बढऩे से भोजन की थाली महंगी, आमलोगों का बिगड़ रहा है बजट

प्याज के साथ आलू भी निकाल रहा आंसू

आलू और प्याज की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी के लिए भोजन की थाली महंगी कर दी। उनका बजट बिगड़ रहा है। पिछले तीन दिन के अंदर आलू के भाव में तकरीबन 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। शुक्रवार को पोस्ता मंडी में आलू का थोक भाव 140 रुपए प्रति पल्ला था जबकि इसी मंडी में रविवार को यह कीमत 150 रुपये रही। वहीं खुदरा बाजार में आलू 35 से 40 रुपये के बीच बिक रहा है। इसी तरह प्याज भी अपने भाव बढ़ाकर लोगों को रुलाने पर आमादा है। रविवार को खुदरा बाजार में प्याज प्रति किलो 60 से 70 रुपये तक में बिका।
सब्जियों की थोक मंडी नूतन बाजार में खरीदारी करने आये दिनेश आसोपा ने कहा कि सब्जियों का राजा आलू हर किसी की थाली की शान बढ़ाता है। जब यही इतना महंगा हो रहा है साधारण आदमी के लिए दो वक्त की रोटी का बंदोबस्त करना भारी पड़ जाएगा। योगेश राठी ने कहा कि अभी पितृ पक्ष चल रहा है। काफी लोग इस समय प्याज नहीं खाते फिर भी इसकी कीमत में वृद्धि हो रही। यदि यही स्थिति रहेगी तो आम आदमी की थाली से प्याज गायब हो जाएगा।

नासिक से आने वाले प्याज की लागत अधिक

द ग्रेटर कोलकाता फ्रूट पोटेटो ओनियन वेजिटेबल एंड लेमन मर्चेंट्स एसोशिएशन के अध्यक्ष विश्वनाथ दे ने बताया कि अभी दक्षिण से आने वाला माल खराब आ रहा है जबकि नासिक से आने वाले प्याज की लागत अधिक आने से कीमत ज्यादा हो रही है। उन्होंने बताया कि अभी कुछ समय तक प्याज की स्थिति ऐसी रहने की संभावना है।

ओडिशा और आंध्र प्रदेश में आपूर्ति बाधित

एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी काजल चटर्जी ने बताया कि मेदिनीपुर के बड़े आलू की मध्य प्रदेश में आपूर्ति सामान्य हैं वहीं बिहार में भी छोटे आलू जा रहे है लेकिन, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में आपूर्ति बाधित होने के कारण यह स्थिति हो गई। उन्होंने बताया कि पहले असम, मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा आदि सात राज्यों में यहां से आपूर्ति होती थी लेकिन, अब वहां अच्छा उत्पादन होने से यहां का बाजार कमजोर हो गया। उन्होंने बताया कि अभी आलू की कीमत में 200 रुपये प्रति क्विंटल का फर्क आया है।

40 प्रतिशत आलू का उपयोग राज्य में

चटर्जी ने बताया कि इस साल लोगों ने ऊंची कीमत पर आलू लिया था। यदि लागत नहीं निकलेगी तो किसान तथा कारोबारी को नुकसान होगा और वे अगले साल इसका कारोबार नहीं कर पाएंगे। उन्होंने बताया कि 40 प्रतिशत आलू का उपयोग राज्य में ही होता है बाकी 60 प्रतिशत आलू देश के अन्य राज्यों में जाता है। यहां के राजस्व में आलू मुख्य है यदि बाहर नही भेजेंगे तो सिस्टम टूट जाएगा। चटर्जी के मुताबिक खेती के लिए मात्र 10 – 15 प्रतिशत आलू की खपत होती है बाकी 90 प्रतिशत बीज पंजाब से आता है। इसके अलावा अभी तक लगभग 54 प्रतिशत निकासी हुई है इसलिए आलू का स्टॉक पर्याप्त है।

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