कोलकाता

Controversy: यह क्या बोल गए बंगाल के शिक्षा मंत्री

Female teachers के स्त्री रोग से जूझने संबंधी West Bengal Education Minister Partha Chatterjee के बयान को लेकर Controversy in the state बढ़ गया है। उनके इस बयान को लेकर निंदा शुरू हो गई। some teachers ने इसे शिक्षा मंत्री की नासमझी करार देते हुए महिलाओं को Humiliating statement करार दे दिया।

कोलकाताJul 27, 2019 / 04:45 pm

Rabindra Rai

Controversy: यह क्या बोल गए बंगाल के शिक्षा मंत्री

कोलकाता. महिला शिक्षकों के स्त्री रोग से जूझने संबंधी पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के बयान को लेकर राज्य में विवाद बढ़ गया है। उनके इस बयान को लेकर निंदा शुरू हो गई। कुछ शिक्षकों ने इसे शिक्षा मंत्री की नासमझी करार देते हुए महिलाओं को अपमानित करने वाला बयान करार दे दिया। आखिरकार शिक्षा मंत्री को अपनी सफाई देनी पड़ी। उन्होंने अपने फेसबुक पर लिखा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है। उनका किसी भी तरह से महिलाओं को अपमानित करने का कोई इरादा नहीं था। उनके बयान की जिस तरह से व्याख्या की जा रही है, उससे वे स्तब्ध हैं। किसी शिक्षक-शिक्षिका के अस्वस्थ होने की सूरत में सरकार उसका तबादला उसके कहेनुसार स्थान पर कर देती है या फिर जरूरत पडऩे पर उसे रोका भी जाता है। ज्यादातर मामलों में स्वास्थ्य का हवाला दिया जाता है और इनमें शिक्षिकाओं की संख्या कहीं अधिक है। इससे संबंधित कई शिकायतें भी आई हैं। ज्यादातर मामलों में शिक्षिकाओं द्वारा स्त्रीरोग से पीडि़त होने की बात कही जाती है, लेकिन समझ में नहीं आता है कि सभी शिक्षिकाओं को भला एक ही समस्या कैसे हो सकती है? इससे तो मैं भी आजिज आ चुका हूं। मंत्री ने नजरुल मंच में आयोजित शिक्षकों के कार्यक्रम के दौरान उक्त बातें कही थी।
मंत्री ने कहा कि काफी सारी महिला शिक्षक स्त्री रोग से जूझ रही हैं जिससे मैं भी डरा हुआ हूं। उन्होंने मजाक और हंसी ठहाकों के बीच महिलाओं पर ये भद्दी टिप्पणी कर दी। इसकी बाद में खूब आलोचना की जा रही है।
मंत्री ने कहा कि ममता सरकार के अंतर्गत शिक्षा के क्षेत्र में काफी काम किया गया है। वे यहां पर शिक्षकों को होने वाली परेशानियों के बारे में बता रहे थे। म्युचुअल ट्रांसफर के बारे में बात करते हुए चटर्जी ने कहा कि अगर कोई टीचर (महिला, पुरुष टीचर) अस्वस्थ है तो वह म्युचुअल ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकते हैं।
और इसके बाद म्युचुअल ट्रांसफर से कई टीचर गंभीर रूप से बीमार पड़ गए हैं। इसके बाद भी वे नहीं रुके, उन्होंने कहा कि कई सारी महिला टीचर्स हैं जो गायनेकोलॉजिकल समस्या से जूझ रही हैं और मुझे भी इसका डर है।
अनशनकारी टीचर्स ने उस्थी युनाइटेड प्राइमरी टीचर्स वेलफेयर एसोशिएसन के बैनर तले अपने 14 सहकर्मियों के सुदूर क्षेत्रों में स्थानांतरण (ट्रांसफर) के प्रदेश सरकार के आदेश को रद्द करने की मांग की है। चटर्जी ने कहा कि प्रदेश सरकार निश्चित तौर पर प्राथमिक स्कूल के शिक्षकों की वेतन वृद्धि के बारे में विचार कर रही है।
 

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