गांववालों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद मुख्य सचिव ने इसकी घोेषणा की। उल्लेखनीय है कि पुनर्वास के मुद्दे पर लंबे समय से राज्य सरकार और ग्रामीणों के बीच गतिरोध चल रहा था। सूत्रों ने बताया कि बीरभूम के देउचापचामी में कोयला खनन कार्य शुरू करने के मुद्दे पर लंबे समय से टाल-मटोल चल रहा था। यही नहीं केंद्रीय प्रतिनिधि दल के मुआयना करने तथा हरी झंडी देने के बावजूद गतिरोध दूर नहीं हो सका था। कोयला खनन क्षेत्र में स्थित 35 गांव के लोगों के अनुमोदन को लेकर ही जटिलता थी।
राज्य सरकार की ओर से पुनर्वास पैकेज की घोषणा करने के बावजूद ग्रामीणों में दुविधा की स्थिति बनी हुई थी। कारण यह कि वाममोर्चा सरकार के शासनकाल में देउचा में पत्थर खदान का काम शुरू हुआ था। तब गांववालों को किसी तरह का पुनर्वास की व्यवस्था नहीं की गई थी। इस कारण कोयला खनन से पहले पुनर्वास को लेकर लोग सशंकित थे।
गुरुवार को देउचा के एक दिवसीय दौरे पर आए मुख्य सचिव सिन्हा ने स्थानीय गौरांगिनी उच्च विद्यालय में ग्रामीणों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। पुनर्वास को लेकर उन्होंने सरकार की ओर से पूरी गारंटी दी है। इसके बाद ही गांववाले नरम पड़े।
लॉकडाउन के कारण देश में ठहर गई अर्थ व्यवस्था को चंगा करने करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने कोयला के क्षेत्र में 100 फीसदी विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) की मंजूरी दी है। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र के उक्त निर्णय के खिलाफ कड़ा तेवर दिखा चुकी हैं। इस मुद्दे पर उन्होंन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र भी लिखा है। ऐन वक्त पर देउचा में कोयला खनन का काम शुरू होने को लेकर गतिरोध समाप्त होना राज्य सरकार के लिए अच्छी खबर है।
चार चरणों में खनन का कामः
मुख्यसचिव ने बताया कि देउचापचामी कोयला खनन क्षेत्र में दुर्गापूजा के बाद कुल चार चरणों में खनन का काम शुरू होना है। खनन का मूल काम शुरू होने में करीब एक साल का समय लगने की उम्मीद है। तब तक देउचा में कोयला खनन का काम कहां से और किस तरह शुरू किया जाए, इसे लेकर पूरे इलाके में जांच पड़ताल और योजना तैयार किए जाएंगे।
लॉकडाउन के कारण देश में ठहर गई अर्थ व्यवस्था को चंगा करने करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने कोयला के क्षेत्र में 100 फीसदी विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) की मंजूरी दी है। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र के उक्त निर्णय के खिलाफ कड़ा तेवर दिखा चुकी हैं। इस मुद्दे पर उन्होंन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र भी लिखा है। ऐन वक्त पर देउचा में कोयला खनन का काम शुरू होने को लेकर गतिरोध समाप्त होना राज्य सरकार के लिए अच्छी खबर है।
चार चरणों में खनन का कामः
मुख्यसचिव ने बताया कि देउचापचामी कोयला खनन क्षेत्र में दुर्गापूजा के बाद कुल चार चरणों में खनन का काम शुरू होना है। खनन का मूल काम शुरू होने में करीब एक साल का समय लगने की उम्मीद है। तब तक देउचा में कोयला खनन का काम कहां से और किस तरह शुरू किया जाए, इसे लेकर पूरे इलाके में जांच पड़ताल और योजना तैयार किए जाएंगे।