प्रदेश के स्थानीय निवासी परिवार के 18 वर्ष से कम आयु के अनाथ बच्चों को आर्थिक सहायता प्रतिमाह दी जाएगी। यह राशि बच्चे एवं उसके रिश्तेदार या संरक्षक के संयुक्त खाते में जमा की जाएगी। योजना में शामिल होने वाले सभी बच्चों का आयुष्मान कार्ड भी बनवाया जाएगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी या जिला बाल संरक्षण अधिकारी ऐसे बच्चों या परिवारों की पहचान करेंगे। बाल कल्याण समिति द्वारा इन बच्चों को जरूरतमंद बालक घोषित किया जाएगा।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि बाल आशीर्वाद पोर्टल पर इनसे आवेदन कराया जाएगा। इसी तरह बालगृह के अधीक्षक या प्रबंधक अपने यहां के 17 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले बच्चों को चिन्हित करके उनके लिए कार्ययोजना तैयार करेंगे। इन्हें योग्यता के आधार पर औद्योगिक संस्थानों, प्रतिष्ठानों या संस्थाओं में प्रशिक्षण दिलाकर उसी संस्था में रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। प्रशिक्षण अवधि में उन्हें पांच हजार रुपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। यह अधिकतम एक वर्ष के लिए यह राशि मिलेगी।
पालीटेक्निक का डिप्लोमा, आइटीआइ, पैरामेडिकल कोर्स, नर्सिंग- होटल मैनेजमेंंट-पर्यटन-प्रधानमंत्री अथवा मुख्यमंत्री कौशल विकास कार्यक्रम के लिए निशुल्क प्रशिक्षण मिलेगा। प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर शासकीय या अशासकीय संस्थाओं में प्रवेश पर पांच से लेकर आठ हजार रुपये प्रतिमाह आर्थिक सहायता दी जाएगी। अध्ययन अवधि के दौरान फीस भी शासन द्वारा ही जमा की जाएगी।