ये भी पढें -देश में पहली बार 3 मिनट में परीक्षा परिणाम घोषित, AI तकनीक से नई शुरुआत मनीषा शास्त्री, राखी बांके, सोनाली ठाकरे और विकास शुक्ला के समूह ने निमाड़ी लोकगीतों की प्रस्तुति से मिठास घोली। साधना उपाध्याय और उनकी टीम ने पारंपरिक गणगौर नृत्य की सुंदर प्रस्तुति दी।
इन राज्यों की संस्कृति भी हुई प्रदर्शित
करमा नृत्य : बैगा जनजातीय नृत्य को दयाराम और उनके साथियों ने प्रस्तुत किया, जिसने पारंपरिक जीवनशैली को जीवंत कर दिया। छाऊ नृत्य : रांची से आए सुग्रीव महतो और उनकी टीम ने इस नृत्य के जरिए अपनी कला का प्रदर्शन किया। ये भी पढें -JEE Mains में बड़ा बदलाव : कोरोना में दी गई छूट खत्म, सभी प्रश्न करने होंगे हल
भांगड़ा और गिद्धा नृत्य : पटियाला के नरेंद्र सिंह और उनकी टीम ने जोश और उत्साह से भरपूर भांगड़ा और गिद्धा की प्रस्तुति दी।
भांगड़ा और गिद्धा नृत्य : पटियाला के नरेंद्र सिंह और उनकी टीम ने जोश और उत्साह से भरपूर भांगड़ा और गिद्धा की प्रस्तुति दी।
गोतीपुआ नृत्य: ओडिशा के चंद्रमणि प्रधान और उनकी टीम ने गोतीपुआ नृत्य के माध्यम से शारीरिक लचीलापन और कला का अद्भुत संगम दिखाया।