कैदी की मौत के मामले में न्यायिक जांच चल रही है, प्रशासन भी पीड़ित परिवार को दो लाख रुपए संबल योजना के तहत उपलब्ध करवा चुका है। रेडक्रॉस से क्र 25 हजार रुपए की तात्कालिक मदद रातोंरात दे दी गई। भाजपा सांसद, जयस के नेताओं के साथ कांग्रेस का विधायक दल भी गांव को दौरा कर चुका है।
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हर दिन वाहनों के काफिले लगा रहे दौड़
नगर से करीब 10 से 12 किमी दूर पहाड़ी दुर्गम क्षेत्र में बसा खेरकुंडी । सप्ताहभर पहले तो इस गांव को कोई ठीक से जानता नहीं था। फालियों में रहने वाले आदिवासी समुदाय के लोगों के झोपड़ों में न बिजली पहुंच रही थी और ना ही सडक़ की सुविधा थी। लेकिन कैदी बिशन की मौत के गांव चर्चाओं में आ गया है। कथित रूप से पुलिस की प्रताडऩा से बिशन की मौत के बाद शासन-प्रशासन आक्रोश को ठंडा करने के लिए हर संभव जुगत में लगा है। इसलिए गांव में सौगातों की बरसात हो रही है। पीडि़त परिवार को सरकारी मदद के साथ दुर्गम, कच्चे, पथरीले घुमावदार और पगडंडी नुमा पहाड़ी मार्ग को जेसीबी मशीनों से समतल और चौड़ा कर दिया गया है। जिन रास्तों पर नेताओं और अफसरों के वाहन दौड़ लगा रहे है। पुलिस लारियों में सवार जवान दिन-रात शिफ्ट में गश्त कर रहे हैं।
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24 घंटे बिजली सप्लाई की कवायद
क्षेत्र में अब 24 घंटे बिजली सप्लाई देने की कवायद अभी अंजाम तक पहुंचाई जा रही है। विद्युत अधिकारियों ने शनिवार को खेरकुंडी पहुंचकर सप्लाई का सर्वे कार्य कर स्टीमेट बनाया है। जेई देवानंद मालवीया ने बताया कि स्टीमेट उच्चाधिकारियों को प्रस्तुत किया जाएगा। इस कार्य अनुमानित 10 लाख रुपए की राशि व्यय होगी।
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