खरगोन में बैठक में सबकी सहमति से पैगम्बर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद (स.) के नवासे यानी नाती हजरत मोहम्मद हसन और मोहम्मद हुसैन की शहादत की बरसी पर निकलने वाले जुलूस के दौरान डीजे या किसी भी तरह के साउंड सिस्टम पर बैन लगाने लगाया गया। आपसी सहमति से ये फैसला लिया गया। इसके साथ बैठक में ये भी तय किया गया है कि इस बार जुलूस शांति और आपसी भाईचारे के साथ निकाला जाएगा।
जिसने नहीं माना फैसला उसका होगा सामाजिक बहिष्कार
बैठक में मौजूद इमाम और मौलानाओं ने कहा कि डीजे बजाना शरीयत में हराम होने के साथ ही कानूनी रूप से भी अपराध है। इसके साथ ही डीजे पर फूहड़ता वाला डांस किया जाता है, जो कि जुलूस जैसे पवित्र आयोजन की गरिमा गिराता है। वहीं, इस तरह के डीजे साउंड युवाओं में नशे को भी बढ़ावा देता है। इसलिए ये फैसला लिया गया है। इस पाबंदी को सभी मुहल्ला कमेटियों को अनिवार्य रूप से मानना होगा। यदि कोई शासन, प्रशासन या जनप्रतिनिधियों के पास परमिशन लेने जाता है, तो ऐसे में उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। ये भी पढ़ें: Sunil Shetty Fitness Routine: 62 की उम्र में कैसे फिट रहते हैं सुनील शेट्टी, एक्टर ने खुद बताया फिटनेस रूटीन
शादी में डीजे पर भी है बैन, समाज के लोग करते हैं फॉलो
बता दें कि इसके पहले जमात ने शादी में भी डीजे बजाने पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया था। इसे मुस्लिम समाज के लोग आज भी फॉलो करते हैं। इस बैठक में सामाजिक संस्था जमात-ए-इस्लाहुल मुस्लिमीन के मेंबर और अहले सुन्नत वल जमात के उलेमा मौलाना उस्मान, मुसअब मुफ्ती जिलानी, मौलाना कुतुबुद्दीन कादरी, हाफिज कलीम, हाफिज मोहसिन, मुफ्ती तैयब, सदर आरिफ खान, जाकिर खान, मकबूल खान के साथ ही सेक्रेटरी और पूर्व सदर अल्ताफ आजाद, जाकिर हाफिज सहित शहर भर के मौलाना मौजूद थे।