जैसे जैसे दीपावली नजदीक आ रही है, मिलावटखोर भी सक्रिय हो गए हैं। त्योहारों से पहले बाजारों में बड़ी तादाद में नकली खाद्य सामग्री खपाने की कोशिश की जाती है। लेकिन यहां खरगोन प्रशासन ने इस कोशिश को नाकाम कर दिया। दरअसल मंगलवार देर रात उन्होंने लाखों रुपए का नकली मावा बरामद किया। हालांकि यहां से उन्हें कोई दस्तावेज नहीं मिले हैं और अब तक ये भी नहीं पता चल पाया है मावा किसने और किसे भिजवाया था। पुलिस अब मामले की तफ्तीश कर रही है और पता करने की कोशिश कर रही है कि आखिर इसके पीछे किसका हाथ है।
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सैकड़ों लोगों की सेहत होती खराब
अगर ये मावा बाजार तक पहुंच जाता तो जाहिर है कि लोगों के घरों तक भी पहुंचता। नकली मावे से बनी मिठाई सेहत के लिए बहुत नुकसानदेह साबित हो सकती है। नकली या मिलावटी मावा बनाने के लिए डिटर्जेंट से लेकर कई तरह के हानिकारक पदार्थ मिलाए जाते हैं। सिथेंटिक दूध से तैयार मावा जिसे बनाने के लिए डिटर्जेट पाउडर, रिफाइंड व मोबिल आयल, एसेंट पाउडर, सोख्ता कागज़ जैसी कई अखाद्य सामग्री शामिल होती है। डॉक्टरों के मुताबिक इसे खाने से कई तरह की बीमारियां हो सकती है जिसमें संक्रमण, पेट की समस्या से लेकर किडनी और लीवर तक खराब हो सकता है। इसीलिए त्यौहारों पर बाजार से मावा, पनीर, दूध, घी, शहद जैसी वस्तुएं खरीदते समय सावधान रहें। अगर आपको मिलावट की आशंका हो तो पुलिस, स्थानीय प्रशासन या खाद्य विभाग को इसकी सूचना दें।
ऐसे करें नकली मावे की पहचान
मावे की टिकिया बनाकर उसमें आयोडिन टिंचर की दो बूंद डालें। 5 मिनट बाद देखें, अगर उसका रंग बदलकर काला या गहरा हो गया है तो वह नकली है। असली मावा केसरिया ही बना रहेगा। इसके अलावा आप मावे में थोड़ी चीनी डालकर उसे गर्म भी कर सकते हैं, अगर वो पानी छोडऩे लगे तो समझ जाइए कि वह नकली है। असली मावे को हाथ से रगडऩे पर वो घी छोड़ता है और पानी में भी आसानी से घुल जाता है।