खरगोन

खरगोन हिंसा का दर्द : 3 दिन बाद बहन की शादी, दो दिन से वेंटिलेटर पर भाई

रामनवमी के दिन जुलूस के दौरान हुई हिंसा से सहमा खरगोन..जिंदगी भर हरे रहेंगे हिंसा के जख्म…

खरगोनApr 13, 2022 / 05:16 pm

Shailendra Sharma

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खरगोन. खरगोन में रविवार के दिन रामनवमी पर निकाले जा रहे जुलूस के दौरान भड़की हिंसा ने बर्बादी की ऐसी बानगी लिखी है जिसके जख्म सालों साल ताजा रहेंगे। कई परिवारों के घर हिंसा में खाक हो गए तो वहीं कई लोगों को ऐसे जख्म मिले हैं जो जिंदगीभर के लिए नासूर बनकर या तो उनके जिस्म पर रहेंगे या फिर जहन में। ऐसे ही एक युवक के बारे में आपको बताते हैं जो हिंसा के दौरान घायल होने के बाद अब तक होश में नहीं आया है वो वेंटिलेटर पर है जबकि तीन दिन बाद ही उसकी बड़ी बहन की शादी है।

 

खरगोन हिंसा का दर्द
खरगोन में हुई हिंसा में घायल हुए 16 वर्षीय शिवम शुक्ला को अभी तक होश नहीं आया है। शिवम इंदौर के एक निजी अस्पताल में भर्ती है और वेंटिलेटर पर सांसें ले रहा है। मामा के घर रहकर पढ़ाई करने वाला शिवम रामनवमी के जुलूस में शामिल था और फिर अचानक हुई हिंसा का शिकार हुआ। परिजन बताते हैं कि तीन दिन बाद शिवम की बहन की शादी है, एक तरफ बेटा जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ बेटी की शादी की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं कार्ड तक बांटे जा चुके हैं, समझ नहीं आ रहा है क्या करें। उन्होंने ये भी बताया कि घायल हालत में पहले वो शिवम को लेकर खरगोन के निजी अस्पताल पहुंचे थे जहां से उन्हें सरकारी अस्पताल और फिर बाद में इंदौर रेफर कर दिया गया ।

 

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सिर की हड्डियां टूटकर ब्रेन में घुसीं
डॉक्टर्स का कहना है कि शिवम को जब अस्पताल लेकर आया गया था तब उसकी हालत बेहद गंभीर थी। उसके सिर पर एक गहरा घाव था। परिजन गोली लगने की आशंका जता रहे थे लेकिन जांच व ऑपरेशन में गोली नहीं पाई गई। हालांकि घाव किससे हुआ ये अभी भी साफ नहीं हो पाया है। डॉक्टर के मुताबिक शिवम के सिर का घाव इतना गहरा था कि उसके सिर की दो हड्डियां टूटकर ब्रेन में घुस गई थीं। जिन्हें ऑपरेशन कर निकाला गया है। शिवम को होश कब तक आएगा ये अभी डॉक्टर्स को भी नहीं पता। परिजन बेटे की सलामती के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं। शिवम मूल रूप से खरगोन से 100 किमी. दूर स्थित निरसपुर का रहने वाला है उसके पिता किसान हैं और दो बड़ी बहनें हैं। वो खरगोन में मामला के घर पर रहकर पढ़ाई करता है।

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