6 जनवरी को पूरा हुआ था परिषद का कार्यकाल
नगरपालिका खरगोन में परिषद का कार्यकाल 6 जनवरी को पूरा हुआ। इसके बाद से ही प्रशासक कौन होगा इस पर मंथन शुरू हो गया था। 24 दिन बाद यह इंतजार खत्म हुआ और प्रशासक के तौर पर कलेक्टर गोपालचंद डाड ने गुरुवार शाम 6.30 बजे कुर्सी संभाली।
नगरपालिका खरगोन में परिषद का कार्यकाल 6 जनवरी को पूरा हुआ। इसके बाद से ही प्रशासक कौन होगा इस पर मंथन शुरू हो गया था। 24 दिन बाद यह इंतजार खत्म हुआ और प्रशासक के तौर पर कलेक्टर गोपालचंद डाड ने गुरुवार शाम 6.30 बजे कुर्सी संभाली।
यहां एसडीएम होंगे प्रशासक
परिषद का कार्यकाल पूरा होने के बाद यहां विकास कार्यों को गति मिले इसके लिए गुरुवार को प्रशासकों को शासन ने जिम्मेदारी सौंपी। खरगोन सहित पांच निकाय इसके दायरे में हैं। नगरपालिका सनावद, बड़वाह, नगर परिषद कसरावद, करही.पाड्ल्या में संबंधित एसडीएम प्रशासक होंगे।
परिषद का कार्यकाल पूरा होने के बाद यहां विकास कार्यों को गति मिले इसके लिए गुरुवार को प्रशासकों को शासन ने जिम्मेदारी सौंपी। खरगोन सहित पांच निकाय इसके दायरे में हैं। नगरपालिका सनावद, बड़वाह, नगर परिषद कसरावद, करही.पाड्ल्या में संबंधित एसडीएम प्रशासक होंगे।
7 जनवरी 2015 को चुनकर आई थी परिषद
खरगोन परिषद का गठन 7 जनवरी 2015 को हुआ। अध्यक्ष विपिन गौर सहित 33 पार्षदों ने पदभार ग्रहण किया था।इसी तरह सनावद में 8 जनवरी, करही और कसरावद में 10 तथा बड़वाह नगर पालिका में 11 जनवरी को अध्यक्ष व पार्षदों का कार्यकाल पूरा हो गया था।
खरगोन परिषद का गठन 7 जनवरी 2015 को हुआ। अध्यक्ष विपिन गौर सहित 33 पार्षदों ने पदभार ग्रहण किया था।इसी तरह सनावद में 8 जनवरी, करही और कसरावद में 10 तथा बड़वाह नगर पालिका में 11 जनवरी को अध्यक्ष व पार्षदों का कार्यकाल पूरा हो गया था।
फ्लैशबैक : 1914 में हुई थी स्थापना, 54 अध्यक्ष व 5 बार प्रशासक काबिज
नगर पालिका खरगोन की स्थापना ब्रिटिश काल के समय 1914 मेंं हुई। तब से लेकर अब तक ५४ बार अध्यक्ष व 5 बार प्रशासक काबिज रहे। इसके पहले सितंबर 2013 से 7 जनवरी 2015 तक (डेढ़ साल) प्रशासक के रूप में तत्कालीन अपर कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने यह जिम्मा संभाला।
नगर पालिका खरगोन की स्थापना ब्रिटिश काल के समय 1914 मेंं हुई। तब से लेकर अब तक ५४ बार अध्यक्ष व 5 बार प्रशासक काबिज रहे। इसके पहले सितंबर 2013 से 7 जनवरी 2015 तक (डेढ़ साल) प्रशासक के रूप में तत्कालीन अपर कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने यह जिम्मा संभाला।
परिषद के कार्यकाल में टॉप पर रहा पानी का मुद्दा
पिछले चुनाव में सत्तापक्ष द्वारा कई चुनावी घोषणाएं की थीं, जो पांच साल बाद भी पूरी नहीं हुई। परिषद के पांच साल के कार्यकाल में भी यह मुद्दा टॉप पर बना रहा। अब जनता को प्रशासक से उम्मीद है कि अबकि बार गर्मी के दिनों में पानी की समस्या से जुझना नहीं पड़ेगा। कलेक्टर ने बताया शहर में 114 करोड़ की जलावर्धन योजना के तहत काम जारी है। कोशिश करेंगे अप्रैल तक यह पूरा हो जाए और सप्लाय भी शुरू कर दिया जाए।
पिछले चुनाव में सत्तापक्ष द्वारा कई चुनावी घोषणाएं की थीं, जो पांच साल बाद भी पूरी नहीं हुई। परिषद के पांच साल के कार्यकाल में भी यह मुद्दा टॉप पर बना रहा। अब जनता को प्रशासक से उम्मीद है कि अबकि बार गर्मी के दिनों में पानी की समस्या से जुझना नहीं पड़ेगा। कलेक्टर ने बताया शहर में 114 करोड़ की जलावर्धन योजना के तहत काम जारी है। कोशिश करेंगे अप्रैल तक यह पूरा हो जाए और सप्लाय भी शुरू कर दिया जाए।
वह काम जिनकी उम्मीद अब प्रशासक से
-चौबीस घंटे पेयजल
-अवैध कॉलोनियों की वैधता।
-ट्रांसपोर्ट नगर
-लिंक रोड
-आधुनिक सब्जी मंडी
-स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के परिणाम
-चौबीस घंटे पेयजल
-अवैध कॉलोनियों की वैधता।
-ट्रांसपोर्ट नगर
-लिंक रोड
-आधुनिक सब्जी मंडी
-स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के परिणाम