नगर निगम बनने की राह खुलेगी
शहरी क्षेत्र में नगर पालिका के करोड़ों के प्रोजेक्ट चल रहे हैं। जिनके मूर्तरूप लेते ही शहर की तस्वीर बदल जाएगी। नपा सीएमओ निशिकांत ने बताया कि शहर सीमा की वृद्धि होने से न केवल शहरवासियों को फायदा मिलेगा, बल्कि आसपास के सटे दो दर्जन गांवों तक मूलभूत सुविधाएं पहुंचेगी। इससे नगर निगम का रास्ता भी खुल जाएगा। उल्लखेनीय है कि दो लाख या उससे अधिक की आबादी पर नगर पालिका से निगम का दर्जा मिल जाता हैं। सीमावृद्धि से यह सपना पूरा हो सकता है।
शहरी क्षेत्र में नगर पालिका के करोड़ों के प्रोजेक्ट चल रहे हैं। जिनके मूर्तरूप लेते ही शहर की तस्वीर बदल जाएगी। नपा सीएमओ निशिकांत ने बताया कि शहर सीमा की वृद्धि होने से न केवल शहरवासियों को फायदा मिलेगा, बल्कि आसपास के सटे दो दर्जन गांवों तक मूलभूत सुविधाएं पहुंचेगी। इससे नगर निगम का रास्ता भी खुल जाएगा। उल्लखेनीय है कि दो लाख या उससे अधिक की आबादी पर नगर पालिका से निगम का दर्जा मिल जाता हैं। सीमावृद्धि से यह सपना पूरा हो सकता है।
इन गांवों को शामिल करने का प्रस्ताव
उत्तर दिशा:-खेड़ी, मांगरुल बुजुुर्ग, मांगरुल, भाडली, बेडियाव, मेनगांव-पिपराटा, निमगूल।
पूर्वी क्षेत्र:- प्रेम नगर, सोनीपुरा, बलवाड़ी, गोपालपुरा, छोटी बीड़, बड़ी बीड़, खेड़ी की अनेक कॉलोनियां।
दक्षिण दिशा:- मेहरजा, डाबरिया, जामली और आसपास की कॉलोनियां।
पश्चिम क्षेत्र:- भसनेर, सिनखेड़ा, सुरपाला, दाबड़, बिरोटी, रणगांव, टेमला, नवलपुरा, नंदगांव रोड, डालका, असनगांव, गोपालपुरा क्षेत्र।
उत्तर दिशा:-खेड़ी, मांगरुल बुजुुर्ग, मांगरुल, भाडली, बेडियाव, मेनगांव-पिपराटा, निमगूल।
पूर्वी क्षेत्र:- प्रेम नगर, सोनीपुरा, बलवाड़ी, गोपालपुरा, छोटी बीड़, बड़ी बीड़, खेड़ी की अनेक कॉलोनियां।
दक्षिण दिशा:- मेहरजा, डाबरिया, जामली और आसपास की कॉलोनियां।
पश्चिम क्षेत्र:- भसनेर, सिनखेड़ा, सुरपाला, दाबड़, बिरोटी, रणगांव, टेमला, नवलपुरा, नंदगांव रोड, डालका, असनगांव, गोपालपुरा क्षेत्र।
बुनियादी सुविधाओं के लिए नहीं होना पड़ेगा परेशान
शहरी सीमावृद्धि के दो तरीके से फायदें मिलेंगे। इससे आसपास के गांवों में बुनियादी सुविधाएं पहुंचेगी। लोगों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। वहीं अवैध कॉलोनियों के निर्माण पर रोक लगेगी। वर्तमान में शहर सीमा के बाहर कृषि भूमि को खरीद कर कॉलोनाइजरों द्वारा बड़ी-बड़ी कॉलोनियों काटी जा रही हैं। पंचायतों के अधीन होने से कॉलोनाइजर टैक्स देने से बच जाते हैं। शहरी सीमा में शामिल होने पर विकास और सेवा शुल्क नपा द्वारा वसूला जाएगा। जिससे कॉलोनाइजर मनमानी नहीं कर सकेंगे।
शहरी सीमावृद्धि के दो तरीके से फायदें मिलेंगे। इससे आसपास के गांवों में बुनियादी सुविधाएं पहुंचेगी। लोगों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। वहीं अवैध कॉलोनियों के निर्माण पर रोक लगेगी। वर्तमान में शहर सीमा के बाहर कृषि भूमि को खरीद कर कॉलोनाइजरों द्वारा बड़ी-बड़ी कॉलोनियों काटी जा रही हैं। पंचायतों के अधीन होने से कॉलोनाइजर टैक्स देने से बच जाते हैं। शहरी सीमा में शामिल होने पर विकास और सेवा शुल्क नपा द्वारा वसूला जाएगा। जिससे कॉलोनाइजर मनमानी नहीं कर सकेंगे।
ऐसी चलेगी प्रक्रिया
१० फरवरी सीमवृद्धि संबंधित प्राथमिक प्रकाशन
१० मार्च दावे आपत्तियों के निराकरण के पश्चात अंतिम प्रकाशन
२० मार्च वार्डों की संख्या में निर्धारण
२५ मार्च वार्डों की सीमा का निर्धारण
०५ अप्रैल दावे-आपत्तियों की सुनवाई तथा निराकरण
२० मई वार्ड विभाजन का अंतिम प्रकाशन
०५ जून वार्डों के आरक्षण संबंधित कार्रवाई
२० जून वार्ड आरक्षण अधिसूचना
२५ जून महापौर/ अध्यक्ष पद का आरक्षण
१० फरवरी सीमवृद्धि संबंधित प्राथमिक प्रकाशन
१० मार्च दावे आपत्तियों के निराकरण के पश्चात अंतिम प्रकाशन
२० मार्च वार्डों की संख्या में निर्धारण
२५ मार्च वार्डों की सीमा का निर्धारण
०५ अप्रैल दावे-आपत्तियों की सुनवाई तथा निराकरण
२० मई वार्ड विभाजन का अंतिम प्रकाशन
०५ जून वार्डों के आरक्षण संबंधित कार्रवाई
२० जून वार्ड आरक्षण अधिसूचना
२५ जून महापौर/ अध्यक्ष पद का आरक्षण
प्रस्ताव भेजा है
शहरी क्षेत्र की सीमावृद्धि करने के साथ २६ गांवों को नगर पालिका में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा हैं। प्रशासनिक स्वीकृति मिलने का इंतजार है। इससे खरगोन के नगर निगम बनने का सपना साकार होगा।
निशिकांत शुक्ला, सीएमओ खरगोन
शहरी क्षेत्र की सीमावृद्धि करने के साथ २६ गांवों को नगर पालिका में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा हैं। प्रशासनिक स्वीकृति मिलने का इंतजार है। इससे खरगोन के नगर निगम बनने का सपना साकार होगा।
निशिकांत शुक्ला, सीएमओ खरगोन