-10 साल में 140 बच्चों की हो चुकी है कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी
खरगोन. जन्म से अपने माता पिता की आवाज नहीं सुन पाने वाले मासूम अब अपनों की बात सुन सकेंगे। ऐसे पांच बच्चों का कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी की जाएगी। नियमित उपचार और थैरेपी के बाद यह बच्चे सामान्य बच्चों की तरह सुन सकेंगे। विश्व श्रवण दिवस पर इन बच्चों का सर्जरी के लिए चयन किया गया है। सर्जरी में खर्च होने वाले करीब साढ़े छह लाख रुपए भी सरकार की ओर से वहन किए जाएंगे। राष्ट्रीय बधिरता रोकथाम एवं नियंत्रण कार्यक्रम के तहत यह ऑपरेशन किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2013 से अब तक करीब 140 बच्चों की कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी हो चुकी है। जिला अस्पताल में आयोजित शिविर में सिविल सर्जन डॉ. अमरसिंह चौहान व नोडल ऑफिसर डॉ. रविंद्र गुप्ता ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में बधिरता का प्रीवैलेंस 6.3 प्रतिशत है। बधिरता होने के कारण शारीरिक मानसिक एवं आर्थिक रूप से व्यक्ति कमजोर होता है। श्रवण संबंधी समस्या की सही समय पर पहचान की जाकर बधिरता को 50 प्रतिशत कम किया जा सकता है। प्रारंभिक उपचार हियरिंग एंड स्पीच थेरेपी एवं पांच वर्ष से छोटे बच्चों का कॉकलर इंप्लांट ऑपरेशन के माध्यम से भी रोका जा सकता है।
खरगोन. जन्म से अपने माता पिता की आवाज नहीं सुन पाने वाले मासूम अब अपनों की बात सुन सकेंगे। ऐसे पांच बच्चों का कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी की जाएगी। नियमित उपचार और थैरेपी के बाद यह बच्चे सामान्य बच्चों की तरह सुन सकेंगे। विश्व श्रवण दिवस पर इन बच्चों का सर्जरी के लिए चयन किया गया है। सर्जरी में खर्च होने वाले करीब साढ़े छह लाख रुपए भी सरकार की ओर से वहन किए जाएंगे। राष्ट्रीय बधिरता रोकथाम एवं नियंत्रण कार्यक्रम के तहत यह ऑपरेशन किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2013 से अब तक करीब 140 बच्चों की कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी हो चुकी है। जिला अस्पताल में आयोजित शिविर में सिविल सर्जन डॉ. अमरसिंह चौहान व नोडल ऑफिसर डॉ. रविंद्र गुप्ता ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में बधिरता का प्रीवैलेंस 6.3 प्रतिशत है। बधिरता होने के कारण शारीरिक मानसिक एवं आर्थिक रूप से व्यक्ति कमजोर होता है। श्रवण संबंधी समस्या की सही समय पर पहचान की जाकर बधिरता को 50 प्रतिशत कम किया जा सकता है। प्रारंभिक उपचार हियरिंग एंड स्पीच थेरेपी एवं पांच वर्ष से छोटे बच्चों का कॉकलर इंप्लांट ऑपरेशन के माध्यम से भी रोका जा सकता है।
डेढ़ हजार से अधिक मरीजों की हुई जांच मैनेजर विनोद पवार ने बताया कि जिला अस्पताल में लगे शिविर में 200 से ज्यादा मरीजों की जांच एवं उपचार किया गया। वहीं सभी विकासखंड स्तर के शिविर में 1357 मरीजों उपचार किया गया। जिसमें पांच बच्चों को कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी के लिए चयन किया है। शासन द्वारा मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में मुख्यमंत्री बाल श्रवण उपचार योजना अंतर्गत प्रत्येक बच्चे की करीब साढ़े छह लाख रुपए से यह सर्जरी की जाएगी। जिला अस्पताल के ऑडियोलॉजिस्ट विवेक पाटिल ने मरीजों की ऑडियोमेट्री टेस्ट किए। कान की देखभाल के लिए परामर्श दिया।
इन बच्चों की होगी निशुल्क सर्जरी सर्जरी के लिए झिरन्या तहसील के मिटावल के गणेश पिता सुनील गोलकर, महेश्वर तहसील के चिखली के नैतिक पिता विष्णु सितोले, कसरावद तहसील के अमलाथा के आदिल पिता मुबारक, खरगोन की अलिशबा असगर एवं आयत पिता आजम खान की सर्जरी निशुल्क की जाएगी।
वर्शन विश्व श्रवण दिवस के अवसर पर प्रत्येक विकासखंड में एवं जिला स्तर पर श्रवण संबंधी मरीजों की समस्याओं के निदान एवं उपचार हेतु शिविर आयोजित किए गए हैं। चिन्हित पांच बच्चों की कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी की जाएगी। -डॉ. मोहनसिंह सिसोदिया, सीएमएचओ, खरगोन