बता दें कि वन मंडल बड़वाह क्षेत्र के अंतर्गत खासकर रावत पलासिया, टिटवा पलासिया, सुलगांव, मोहदरी स्थित नाले, पातली माल गुफा फालिया मट पलासिया, कड़ियांकुंड इलाके में अवैध शराब बनाने की भट्टियां बेखौफ धधक रही हैं। यहां शराब माफिया वन मंडल के हरे भरे पेड़ों को काटकर हजारों लीटर जहरीली कच्ची शराब जिले के गावों से लेकर शहरों तक में सप्लाई करते हैं। हैरानी की बात तो ये है कि ये अवैध शराब जंगलों से वन मंडल के अधिकारियों के सामने ही दो पहिया वाहनों के जरिये निकाली जाती है और गांव के साथ साथ शहरों तक इसी तरह बाइकों से शराब की सप्लाई की जाती है।
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पिता को शराब की लत, बेटी ने तंग आकर की आत्महत्या
बड़वाह के साथ साथ जिलेभर में इस अवैध शराब से हो रहे नुकसानों का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां एक बेटी ने सिर्फ इसलिए आत्महत्या कर ली,क्योंकि वो अपने पिता की शराब पीने की लत से तंग आ चुकी थी। अब इस मामले में मृतका की बहन ने बड़वाह विधायक सचिन बिरला से मांग की है कि वो जल्द से जल्द बड़वाह में बेखौफ चल रहे अवैध शराब के कारोबार को बंद कराएं। पूजा की बहन ने कहा- ताकि आगे कई बेटी, बहन या पत्नी अपने किसी सगे के लिए इस तरह जान न दे। आपको बता दें कि रावत पलासिया में रहने वाली पूजा चौहान ने हालही में पिता की शराब की लत से तंग आकर खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली। घटना में पूजा की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद से पूरे परिवार में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। ऐसे में बड़वाह विधायक सचिन बिरला रावत शोकाकुल परिवार से ढांढस बंधाने पलासिया पहुंचे, जहां उन्होंने मृतका के परिजन से बातचीत की।
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बहन बोली- वो डॉक्टर बनना चाहती थी, पर मर गई..
इस दौरान पूजा की बड़ी बहन लक्ष्मी ने विधायक से बातचीत के दौरान बताया कि पूजा डॉक्टर बनना चाहती थी। यही नहीं वो शहर में अस्पताल खोलकर लोगों की सेवा करना चाहती थी। अन्य युवाओं की तरह उसके भी अपने कई सपने थे, लेकिन पिता की इस शराब की लत ने सबकुछ बर्बाद कर दिया। इन सब बातों की जड़ शराब है। लक्ष्मी ने आगे विधायक से कहा कि सब कहते हैं कि शराब बंद हो गई है, बावजूद इसके फिर जो हो रहा है ये क्यों ? लक्ष्मी ने बताया कि हम पहले भी कई बार इस अवैध शराब के खिलाफ शिकायतें कर चुके हैं, लेकिन जिम्मेदारों पर अबतक इसका कोई असर नहीं हुआ है।
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