आरोपियों ने यह हमला पिता की मौत का बदला लेने के लिए किया। ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार 2011 में विनोद और अमर के पिता सुखराम और धर्मेंद्र के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। धर्मेंद्र के धक्का देने पर सुखराम की मौत हो गई थी। पुलिस ने धर्मेंद्र सहित छह लोगों को आरोपी बनाते हुए हत्या का मामला दर्ज किया था। लॉक डाउन में धर्मेंद्र पेरोल पर जेल से छूटकर घर आ गया था। वहीं विनोद और अमर के मन में पिता की मौत का बदला लेने की आग सुलग रही थी। नौ साल इसी ंइंतजार में थे कि वह पिता की मौत का बदला कब लेंगे।
धर्मेंद्र के यहां शादी होने पर वह भांजे के साथ सुबह पत्रिका बांटने निकला था। यह बात आरोपियों को पता थी। गांव के रास्ते (गोया) में सामने से ट्रैक्टर आ गए। जिसके चलते धर्मेंद्र को अपनी बाइक रोकना पड़ी। तभी बाइक पर बैठकर विनोद और अमर आए। दोनों के हाथ में देशी कट्टे थे। गोवर्धन ने उन्हें देख लिया और वह मामा से कहने लगा कि भागो। क्योंकि विनोद और अमर के हाथ में पिस्टल है। दोनों मार डालेंगे।