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एक चुनाव ऐसा भी ‘जब कांग्रेस का एक भी प्रत्याशी नहीं था सामने’, आपसी कलह से नाराज थे हाईकमान

MP Vidhan Sabha Election : विधानसभा चुनाव में मप्र के इतिहास में ऐसा एकमात्र चुनाव भी हुआ है जब कांग्रेस ने एक विधानसभा सीट पर किसी भी प्रत्याशी को अधिकृत नहीं किया…

खंडवाOct 12, 2023 / 09:57 am

Sanjana Kumar

MP Vidhan Sabha Election : विधानसभा चुनाव में मप्र के इतिहास में ऐसा एकमात्र चुनाव भी हुआ है जब कांग्रेस ने एक विधानसभा सीट पर किसी भी प्रत्याशी को अधिकृत नहीं किया। कांग्रेस से तीन-तीन उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरे और निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा, नतीजा तीनों को ही हार का मुंह देखना पड़ा। हम बात कर रहे है जिले की पंधाना विधानसभा में वर्ष 1993 में हुए विस चुनाव की। आपसी कलह की वजह से कांग्रेस हाईकमान ने भी यहां किसी भी प्रत्याशी को बी-फार्म नहीं दिया था।

वर्ष 1993 में पंधाना विधानसभा क्रमांक 283 (अनुसूचित जाति आरक्षित) का चुनाव भाजपा वर्सेस निर्दलीय हुआ था। यहां स्थानीय प्रत्याशी और बाहरी प्रत्याशी की लड़ाई में कांग्रेस से तीन उम्मीदवार टिकट मांग रहे थे। 1980 में पंधाना विस से कांग्रेस के सिंबल हाथ का पंजा पर चुनाव लड़ चुके रूपचंद्र आर्य, 1985 में कांग्रेस से चुनाव जीते और मंत्री रहे हीरालाल सिलावट के साथ ही इंदौर के कांग्रेसी नेता प्रेमचंद गुड्डू ने भी कांग्रेस से दावेदारी जताई। तीनों ने ही अपना नामांकन भर दिया और कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में प्रचार भी करना शुरू कर दिया। भाजपा से यहां किशोरीलाल वर्मा मैदान में थे।

कांग्रेस ने कर दिया ओपन फॉर ऑल
कांग्रेस हाईकमान ने तीनों प्रत्याशियों के बीच सामंजस्य बिठाने की कोशिश की। स्थानीय नेता के तौर पर रूपचंद्र आर्य, पूर्व में जीत चुके हीरालाल सिलावट और प्रेमचंद गुड्डू तीनों ही प्रत्याशियों ने नामांकन वापस लेने से मना कर दिया। कांग्रेस ने ओपन फॉर ऑल कर नाम वापसी तक बी-फार्म नहीं भेजा। इसके चलते कांग्रेस का सिंबल हाथ का पंजा इस चुनाव में नहीं दिखा। रूपचंद्र आर्य को साइकिल चुनाव चिह्न, हीरालाल सिलावट को फसल उड़ाता किसान और प्रेमचंद गुड्डू को फसल काटता किसान चुनाव चिह्न मिला था।

मतदाता रहे असमंजस में, हुई तीनों की हार
तत्कालीन समय में मतदाता निर्दलीय प्रत्याशियों को इतना महत्व नहीं देते थे। चुनाव चिह्न के रूप में कांग्रेस का हाथ का पंजा और भाजपा का कमल का फूल ही मतदाता याद रखते थे। 1993 के विस चुनाव में तीनों ही प्रत्याशी अपने आप को कांग्रेस का उम्मीदवार बताते रहे, लेकिन हाथ का पंजा चुनाव चिह्न नहीं होने से मतदाता असमंजस में रहे। इस चुनाव में पंधाना विधानसभा से कुल 8 उम्मीदवार मैदान में थे, जिसमें 6 की जमानत जब्त हुई थी। भाजपा के किशोरीलाल वर्मा 9154 मतों से विजयी रहे थे।

फैक्ट फाइल…
* 118412 कुल मतदाता थे विस क्षेत्र में
* 71479 मतदाताओं ने किया था मतदान
* 35652 मत मिले थे किशोरीलाल वर्मा भाजपा को
* 26498 मत के साथ हीरालाल सिलावट निर्दलीय रहे थे दूसरे नंबर पर
* 60.36 प्रतिशत हुआ था मतदान

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