मप्र के खंडवा शहर के माखनलाल चतुर्वेदी शा. स्नातकोत्तर कन्या कॉलेज (जीडीसी) में 5 किलोवॉट का सोलर प्लांट लगाया गया है। फिजिक्स लैब में इसी से बिजली का उपयोग हो रहा है। सारे प्रयोग (प्रैक्टिकल) भी इसी बिजली के माध्यम से हो रहे हैं। पंखे, कूलर, ट्यूबलाइट के अलावा प्रैक्टिकल के वक्त इंडक्शन कूकर और हीटर भी इसी बिजली का उपयोग कर चलाए जाते हैं। राष्ट्रीय उच्चतर माध्यमिक अभियान (रूसा) के तहत मिली राशि से ये काम कराया गया है।
छात्राओं को मिल रहा है लाभ
फिजिक्स के प्रैक्टिकल बगैर बिजली के नहीं होते हैं। प्रो. अखिलेश शर्मा ने बताया कि पहले कई बार बिजली कंपनी के मेंटेनेंस के कारण सप्लाई बाधित रहता था और ये प्रैक्टिकल नहीं हो पाते थे। अब सोलर प्लांट लगने से कॉलेज की छात्राओं को इसका लाभ मिल रहा है। खासतौर से बीएससी की 260 छात्राएं सीधे तौर पर लाभ पा रहीं हैं।
फिजिक्स के प्रैक्टिकल बगैर बिजली के नहीं होते हैं। प्रो. अखिलेश शर्मा ने बताया कि पहले कई बार बिजली कंपनी के मेंटेनेंस के कारण सप्लाई बाधित रहता था और ये प्रैक्टिकल नहीं हो पाते थे। अब सोलर प्लांट लगने से कॉलेज की छात्राओं को इसका लाभ मिल रहा है। खासतौर से बीएससी की 260 छात्राएं सीधे तौर पर लाभ पा रहीं हैं।
फैक्ट फाइल
05 किलोवॉट का है सोलर प्लांट
4.40 लाख रुपए खर्च कर लगाया
18 पैनल हैं कुल इस प्लांट में ये भी जानिए…
– 5 किलोवॉट के इस सोलर प्लांट से लाइब्रेरी में भी कनेक्शन देने की तैयारी
– पूरे कॉलेज में सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए बड़ा सोलर प्लांट लगाने का प्रस्ताव
– वल्र्ड बैंक के कॉलेजों को सहयोग किए जाने की योजना में ये प्रस्ताव भेजा गया है
05 किलोवॉट का है सोलर प्लांट
4.40 लाख रुपए खर्च कर लगाया
18 पैनल हैं कुल इस प्लांट में ये भी जानिए…
– 5 किलोवॉट के इस सोलर प्लांट से लाइब्रेरी में भी कनेक्शन देने की तैयारी
– पूरे कॉलेज में सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए बड़ा सोलर प्लांट लगाने का प्रस्ताव
– वल्र्ड बैंक के कॉलेजों को सहयोग किए जाने की योजना में ये प्रस्ताव भेजा गया है
…और इधर, प्रवेश के लिए कम होंगे चरण, जून में पूरी होगी प्रक्रिया
उच्च शिक्षा विभाग की शैक्षणिक सत्र 2018-19 में ई-प्रवेश प्रक्रिया से संबंधित तैयारी कुछ अलग है। कॉलेजों में इस बार नए नियमों के तहत प्रवेश प्रक्रिया होगी। इस बार प्रवेश के लिए पांच से छह चरण आयोजित नहीं किए जाएंगे। इससे फायदा ये होगा कि अगस्त तक चलने वाली प्रक्रिया जून में ही पूरी हो सकेगी। उच्च शिक्षा विभाग ने इसका मसौदा तैयार कर लिया है। माना जा रहा है कि इस बार 15 मई से प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 7 मई को भोपाल में होने वाली बैठक में प्राचार्यों को पूरी प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी जाएगी। कॉलेजों में हेल्प डेस्क बनेगी और उसके प्रभारी भी नियुक्त किए जाना है।
उच्च शिक्षा विभाग की शैक्षणिक सत्र 2018-19 में ई-प्रवेश प्रक्रिया से संबंधित तैयारी कुछ अलग है। कॉलेजों में इस बार नए नियमों के तहत प्रवेश प्रक्रिया होगी। इस बार प्रवेश के लिए पांच से छह चरण आयोजित नहीं किए जाएंगे। इससे फायदा ये होगा कि अगस्त तक चलने वाली प्रक्रिया जून में ही पूरी हो सकेगी। उच्च शिक्षा विभाग ने इसका मसौदा तैयार कर लिया है। माना जा रहा है कि इस बार 15 मई से प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। 7 मई को भोपाल में होने वाली बैठक में प्राचार्यों को पूरी प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी जाएगी। कॉलेजों में हेल्प डेस्क बनेगी और उसके प्रभारी भी नियुक्त किए जाना है।