दरअसल, खंडवा नगर निगम के कांग्रेस पार्षद इस तरह नगर निगम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। भाग मांग रहे पार्षदों का आरोप है कि उनके वार्डों में विकास के कोई कार्य नहीं किया जा रहे। उनका ये भी आरोप है कि निगम भाजपा से जुड़े पार्षदों के वार्डों में लगातार काम करवा रहा है। जबकि वित्तीय संकट का बहाना बनाकर निगम द्वारा कांग्रेस पार्षदों के फंड रोके जा रहे हैं, ताकि उनके वार्ड के लोगों को ये लगे कि कांग्रेस पार्षद काम नहीं कराते। इसलिए हमने फैसला लिया है कि इस तरह भीख मांगकर नगर निगम के पास जमा कर सकें कि उनके मुताबिक उनका खाली खजाना भर सके।
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निगम आयुक्त पर फंड न देने का आरोप
आपको बता दें कि इस प्रदर्शन में सिर्फ कांग्रेस के ही पार्षद नहीं थे, बल्कि निर्दलीय पार्षदों ने भी उनके साथ शामिल होकर निगम के लिए भीख मांगी है। पार्षदों ने निगम के बाहर चौराहे पर बैठकर भीख मांगी, इसमें जितना पैसा भी जमा हुआ, उन्होंने उसे निगम के खजाने में जमा भी करवाया। पार्षदों का आरोप है कि निगम उनके वार्डों में विकास के लिए कोई फंड नहीं दे रहा है। उनके वार्डों के हालात ये हैं कि वार्ड के लोग मूलभूत सुविधाओं तक से वंचित हैं। अपने वार्डों की हालत जब निगम आयुक्त को बताते हैं तो वो हमेशा पैसा न होने की बात कहकर हमें टाल देते हैं।
यहां है अंधेर नगरी चौपट राजा वाली बात
अनोखे विरोध प्रदर्शन को लेकर नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष दीपक राठौड़ का कहना है कि निगम की परिषद के 18 महीने हो चुके हैं। यहां पर पार्षद से लेकर मुख्यमंत्री तक सभी भाजपा के हैं, इसलिए पहले तो यहां कांग्रेस पार्षदों के वार्डों में भेदभाव करके काम नहीं किया जाता था और अब ये कहा जा रहा है कि निगम में वित्तीय संकट है, जिसके चलते फंड ही नहीं है।
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भीख मांगने का उद्देश्य
यहां फर्जी बिल लगा कर और भ्रष्टाचार कर नगर निगम को बर्बाद कर दिया गया है। हम कांग्रेस के सभी पार्षद यहां भीख मांगकर पैसा इकट्ठा कर रहे हैं। जिसे नगर निगम के फंड में जमा किया जाएगा और हम बोलेंगे कि हमारे वार्डों में इससे विकास कार्य किया जाएं। भले ही एक-एक छोटा सा स्पीड ब्रेकर ही बना दिया जाए। यहां अंधेर नगरी चौपट राजा वाली बात है। यहां कोई इन लोगों को बोलने वाला नहीं है, इसलिए भ्रष्टाचार हो रहा है।