बोहरा समाज के मीडिया प्रभारी रज्जब अली ने बताया कि हमारे समाज के वरिष्ठ लोगों ने मोबाइल के प्रति बच्चों के ज्यादा लगाव को देखते हुए चिंता व्यक्त की थी। उनकी इस चिंता को देखते हुए बोहरा समाज ने बच्चों को मोबाइल से दूर रखने के लिए एक प्रयास शुरू किया है। इस प्रयास का असर अब दिखने लगा है। परिवार द्वारा, समाज के वरिष्ठों द्वारा बोहरा मस्जिद में बच्चों को विभिन्न माध्यमों से समझाइश भी दी जा रही है। जिसके चलते 15 वर्ष के बच्चे इस बात को मानते हुए मोबाइल से दूर हुए है। जिन बच्चों को पढ़ाई के लिए मोबाइल आवश्यक है, उन्हें माता-पिता या परिवार के बड़ों की निगरानी में मोबाइल इस्तेमाल करने दिया जा रहा है।
शारीरिक गतिविधियों पर ज्यादा जोर
बोहरा समाज सचिव रज्जब अली ने बताया कि मोबाइल एडिक्शन के चलते बच्चे शारीरिक गतिविधियों से दूर होते जा रहे है। जिसके कारण मोटापा, मोबाइल ज्यादा इस्तेमाल करने से आंखों को नुकसान होना, दिमागी तौर पर बच्चों में हिंसा बढऩा आदि परेशानी हो रही है। बच्चे डिप्रेशन में जा रहे है। वहीं, साइबर क्राइम का भी शिकार हो रहे है। इस पहल से बच्चों का भविष्य भी सुरक्षित रहेगा।
बोहरा समाज सचिव रज्जब अली ने बताया कि मोबाइल एडिक्शन के चलते बच्चे शारीरिक गतिविधियों से दूर होते जा रहे है। जिसके कारण मोटापा, मोबाइल ज्यादा इस्तेमाल करने से आंखों को नुकसान होना, दिमागी तौर पर बच्चों में हिंसा बढऩा आदि परेशानी हो रही है। बच्चे डिप्रेशन में जा रहे है। वहीं, साइबर क्राइम का भी शिकार हो रहे है। इस पहल से बच्चों का भविष्य भी सुरक्षित रहेगा।