यहां आदिगुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची मूर्ति स्थापित की जा रही है। यह शंकराचार्य की सबसे ऊंची मूर्ति होगी। अष्टधातु की इस प्रतिमा के आधार स्तंभ पर मूर्ति की असेंबलिंग का कार्य तेज गति से चल रहा है। मूर्ति के चरण फाउंडेशन के बाद ऊपर का भाग भी फिट किया जाने लगा है।प्रतिमा की असेम्बलिंग के विदेश से भी इंजीनियर्स आए हैं।
100 फीट ऊंचे आधार स्तंभ पर मूर्ति असेंबलिंग का कार्य 24 घंटे कार्य चल रहा है। प्रतिमा के 90% पार्ट्स निर्माण स्थल पर पहुंच चुके हैं। कुछ छोटे-छोटे पार्ट्स जैसे कमंडल, माला,लाठीऔर सर के भाग पहुंचना बाकी है। श्रावण में भीड़, जाम और नर्मदा नदी पर बने रपटे पर पानी होने के बावजूद निर्माण कार्य दिन रात चल रहा है। निर्माण कर रही एलएंडटी कंपनी ने असेंबलिंग का कार्य 31 दिसंबर तक कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य रखा है।
प्रतिमा की असेम्बलिंग के विदेश से भी इंजीनियर्स बुलाए गए है। विदेशी क्रेनों की सहायता से मूर्ति के हिस्सों को आधार स्तंभ के ऊपर पहुंचा कर वेल्डिंग कर असेंबल किया जा रहा है। परिक्रमा लगाने वाले श्रद्धालु भी निर्माण कार्य को देखने के लिए कुछ समय रुक रहे हैं। कई लोग निर्माणाधीन प्रतिमा के साथ सेल्फी भी ले रहे हैं।