खेजड़ी का पौधा लगाने अभियान चलाया जाएगा। इसकी पहल खंडवा जिले के सोनखेड़ी, हरदा जिले के नीमगांव और देवास जिले के खातेगांव से शुरू करेगा। इसके लिए आनंद कालीराणा, मनीष बेनिवाल, बृजेश जाणी, लोकेश गोदारा को अपने-अपने क्षेत्र की क्षेत्रों की जिम्मेदारियां सौंपी गई है। खेजड़ी के पौधे आशापुर की नर्सरी से खरीदे जाएंगे।
मृत्युभोज न करने का लिया संकल्प
वार्षिक बैठक में समाज के 40 युवाओं ने मृत्युभोज न करने का निर्णय लिया है। 31 युवाओं ने रक्तदान कार्यक्रम किया। इसके अलावा नशामुक्ति, पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा जागरुकता लाने के लिए प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा।
खेजड़ी के वृक्षों को बचाने के लिए अमृतादेवी सहित 363 लोग हुए थे शहीद
विश्नोई समाज पर्यावरण के प्रति अपनी श्रद्धा के लिए जाना जाता है। विश्नोई समाज अपने गुरू जंभेश्वर भगवान के बताए नियमों का सख्ती से पालन करता है। वर्ष 1730 में राजस्थान के खेजड़ली गांव में खेजड़ी के वृक्षों को बचाने के लिए समाज की अमृतादेवी विश्नोई के नेतृत्व में 363 महिला-पुरुष शहीद हुए थे। उसी खेजड़ी का वृक्ष अब विश्नोई समाज की पहचान बनेगा।