खतरों से भरा है सैलानी टापू
अगर आप सिद्धवरकूट, ओंकारेश्वर, सैलानी टापू, जयंती माता की ओर घूमने जा रहे हैं तो बिना अनुमति जंगलों में न जाएं, अन्यथा कोई हादसा भी हो सकता है। लगातार हो रही बारिश के चलते एेसी जगहों के आस-पास जंगली जानवरों का डेरा हो गया है, जिनके पगगार्क देखने को मिले हैं। इसलिए स्थानीय लोग और वन विभाग ने पर्यटकों से अनाधिकृत रूप से जंगलों में घूमने से मना किया है। उनका कहना है कि बड़ी घास होने से जंगली जानवरों के हमला करने का खरता अधिक हो जाता है।
ये जानवरों से बचकर रहे यहां
इन जानवरों का खतरा: ओंकारेश्वर, बड़वाह, सैलानी के आसपास करीब दो दर्जन तेंदुआ, रीछ के साथ खतरनाक रॉक पाइथन (अजगर) और कोबरा सांप हैं। इस समय वे बारिश से सूखे स्थानों, सड़क, पगडंडी और खुले में आकर रहते हैं। एेसे में अगर किसी से कोई लापरवाही हुई तो अपना शिकार बना लेंगे। इसलिए आप उन क्षेत्रों में जा रहे हैं तो विशेष ध्यान रखें।
ये आ रही समस्या
जब कोई परिवार या कोई व्यक्ति पिकनिक मनाने जंगल में विशेषकर सैलानी टापू जा रहे हैं तो वे सैलानी रिसॉर्ट में बोटिंग के बाद जंगल में खाली स्थान पर एंजाय करने या फिर घर से ले जाए जा रही खाद्य सामग्री जंगल में बैठकर पिकनिक मनाने का काम कर रहे हैं। इसके साथ साथ युवा और बच्चे फोटोग्राफी करने के लिए जंगल में अंदर जाकर पेड़ों पर चढ़कर या फिर बैकवाटर के किनारे नहा भी रहे है। यहां कोई व्यवस्था व सुरक्षा इंतजाम नहीं होने से खतरे की आशंका है।
पर्यटक रहे सर्तक
सैलानी और उसके आस-पास के क्षेत्र के जंगलों में प्रवेश पर प्रतिबंध है। जंगल में जाने वाले लोगों की जांच के लिए चौकी बनाने की तैयारी चल रही है। जंगल में आने-जाने वाले वाहनों से राशि वसूलने के लिए शासन से अनुमति की मांगी है। जल्द ही वहां पूरी व्यवस्थाएं की जाएंगी। – एसके सिंह, डीएफओ खंडवा