श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हुए महामंडलेश्वर विवेकानंद पुरी
खंडवा. रामलला के चरणों को तो हमने पकड़ लिया। चरण के दर्शन भी कर लिए। अब हम उनके आचरण को भी पकड़े, जोश में होश न खो दे। राम जी अराध्य के साथ आदर्श भी हैं। राम जी अराध्य हैं आदर्श भी हैं, यही हमारी भावना होना चाहिए। राम में सद्भाव है, समरसता है, सबसे प्रेम है, करुणा है सब को गले लगाते हैं सभी को अपना मानते हैं। भारत सभी के लिए सब में राम है। यह कहना है कि महामंडलेश्वर विवेकानंद पूरी महाराज का। अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के अविस्मरणीय पले के साक्षी बने महामंडलेश्वर विवेकानंद पूरी महाराज ने कहा कि जब मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी उस समय ऐसा लग रहा था जैसे हम भू वैकुंठ हैं। साकेत ही जैसे नीचे उतर आया हो। भावना का बड़ा आवेश था। वहां बैठे हुए लोग इतने भावुक उस पल में सभी की आंख में आंसू थे। सब उस पल में निशब्द हो गए थे। प्रतिष्ठा के समय के दो मिनिट के वो पल जिसने जिए व ही बता सकता है। इतना आनंद अपने आप ही उमड़ गया। सिनेमा जगत के कलाकार, सेलेब्रिटी, साधू, संत, संगीत कला और खिलाड़ीा वहां सभी रोने लग गए। जो कभी नहीं रोया वे सभी रोने लग गए। यह जो आनंद समय था ऐसा लगा की राम जी घट-घट में प्रगट हो गए। यह बड़ी अनभूति थी। सब राम मय हो गया। उत्सव के बाद जब वापस लौट रहा था तब देखा की हर मंदिर राम मंदिर हर गांव अयोध्या हो गया।