540.59 हेक्टेयर भूमि में इरिगेशन के लिए लक्ष्य इस योजना में जिले को 540.59 हेक्टेयर भूमि में इरिगेशन के लिए लक्ष्य दिया गया है। इससे तीन हजार आवेदनों की लॉटरी में करीब 500 किसानों को लाभ मिलेगा। सरकार 3.17 करोड़ रुपए सब्सिडी देगी। किसानों ने चालू वित्तीय वर्ष में योजना के तहत मई व जून में आवेदन किया। खरीफ सीजन में किसान सिंचाई नहीं कर सके। रबी सीजन में बीतने को है। योजना अभी कागजों में उलझी है। रूधि के किसान शिवराम उद्यानिकी कार्यालय पहुंचे। उनके पूछने पर उद्यानिकी अधिकारियों ने जवाब दिया के भोपाल में लॉटरी होने के बाद फाइनल होगा।
सामान्य किसानों को 1.83 करोड़ मिलेगी सब्सिडी जिले में तीन श्रेणी में किसानों का लक्ष्य है। सामान्य श्रेणी के किसानों के लिए 313 हेक्टेयर और 1.83 करोड़ रुपए की सब्सिडी मिलेगी। इसी तरह अजजा को 109 करोड़ रुपए का लक्ष्य है। अजा के लिए 25 लाख रुपए का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
प्रदेश स्तर पर पंद्रह हजार से अधिक आवेदन – प्रदेश स्तर पर पंद्रह हजार से अधिक किसानों ने ऑनलाइन आवेदन किया है। प्रदेश स्तर पर 28576.48 हेक्टेयर लक्ष्य है। 11200.54 लाख यानी 112 करोड़ रुपए से अधिक लागत की योजना लॉटरी की प्रक्रिया में लटकी हुई है। संचालक निधि निवेदिता की ओर से पत्र जारी कर सूचना दी गई है कि लॉटरी के लिए एक दिसंबर को तारीख तय की गई थी। अपरिहार्य कारणों से निरस्त कर दी गई है।
फैक्ट फाइल जिला सिंचाई सब्सिडी का रकबा का लक्ष्य खंडवा 540.59 3.17 खरगोन 1008.62 6.49 बुरहानपुर 276.92 1.80 बड़वानी 418.67 2.72 नोट : आंकड़े उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण संचालनालय से भेजी गई रिपोर्ट से लिए गए।
खरगोन में सबसे अधिक 6.49 करोड़ सब्सिडी निमाड़ के चारों जिलों में सबसे अधिक सब्सिडी खरगोन जिले में 6.49 करोड़ रुपए निर्धारित की है। यहां सिंचाई का रकबा 1008 हेक्टेयर दिया है। इसके बाद खंडवा में 540 हेक्टेयर, बुरहानपुर में 276 और बड़वानी में 272 हेक्टेयर रकबा का लक्ष्य है। खरगोन को छोड़ शेष जिलों में तीन करोड़ रुपए से कम की सब्सिडी का लक्ष्य तय किया गया है।
छह माह से जिले के तीन हजार आवेदकों को माइक्रो
छह माह से जिले के तीन हजार आवेदकों को माइक्रो
भोपाल स्तर पर लॉटरी निकाली जाएगी। इसी माह प्रक्रिया पूरी होगी। पोर्टल पर अपडेशन का कार्य चल रहा है। जल्द ही आवेदन करने वाले हितग्राहियों को लाभ मिलेगा। – राजू बड़वाया, प्रभारी उप-संचालक, उद्यानिकी विभाग