मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में एक्सरे मशीनों का दरवाजा खोलकर मरीजों का एक्सरे किया जा रहा। इससे एक्सरे मशीनों में रेडिएशन कम-ज्यादा हो रहा है । अस्पताल में एक्सरे मशीनों के मेंटेनेंस के लिए भोपाल से आए तकनीशियन ने सिविल सर्जन से कहा रेडिएशन के अधिक क्षमता के उपयोग पर होगी दिक्कत।
तकनीशियन ने रेडिएशन मापने के बाद किया अलर्ट मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में मेडिकल स्टाफ मरीजों का एक्सरे दरवाजा खोलकर कर रहे हैं। इससे एक्सरे मशीनों में रेडिएशन कम-ज्यादा हो रहा है। इससे कमजोर मरीजों और कक्ष में काम करने वाले कर्मचारियों के जीवन पर इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा। इसका खुलासा शनिवार दोपहर अस्पताल में मशीनों का मेंटेनेंस करने भोपाल से आए एओवी कंपनी के एक तकनीशियन ने किया। मशीनों का परीक्षण करने के बाद तकनीशियन सिविल सर्जन से मिलने ऑफिस पहुंचा। इस दौरान सीएस से तकनीशियन ने कहा कि रेडिएशन क्षमता से अधिक उपयोग किए जाने पर मशीनें तकनीकी खामियों का बोझ नहीं उठा पाएंगी।
एक्सरे मशीन कक्ष में रेडिएशन का अंतर एक्सरे मशीन का मेंटेनेंस के दौरान तकनीशियन ने एक्सरे कक्ष में मशीन चालू कराकर रेडिएशन की माप की। एक्सरे मशीन कक्ष और नियंत्रण कक्ष में रेडिएशन का अंतर मिला। तकनीशियन ने रेडिएशन की गुणवत्ता मापने के बाद एक्सरे कर्मचारियों को अलर्ट किया। कहा कि क्षमता से अधिक रेडिएशन का उपयोग नहीं करें। तकनीशियन के माप के दौरान एक्सरे मशीन कक्ष में 2.02 एमएसवी। और नियंत्रणस कक्ष में इससे थोड़ा कम मिला। तकनीशियन ने एक्सरे करते समय मशीन के पास लगे बोर्ड पर कैसे खड़े होना है। और सावधानी बरतने की बारीकियां बताई।
दरवाजा बंद रहना चाहिए कर्मचारियों से कहा कि रेडिएशन न्यूनतम 0.001 और अधिकतम 1.01 ही होना चाहिए। एक्सरे करते समय दरवाजा बंद रहना चाहिए। ताकि बाहर के लोगों पर इसका असर नहीं पड़े। कर्मचारियों से चर्चा के दौरान तकनीशियन ने कहा मरीज के शारीरिक क्षमता के आधार पर कमांड दें। जिससे रेडिएशन का विपरीत प्रभाव नहीं पड़े।
तीन मशीनें चालू, डिजिटल मशीन में फिल्म नहीं अस्पताल में एक्सरे की तीन मशीनें चालू हैं। इसमें 300 एमए की एक, एक 70 एमए की पोर्टेबल और एक 100 एमए की मशीन चालू है। 500 एमए की डिजिटल एक्सरे मशीन में फिल्म नहीं है। इससे डिजिटल एक्सरे मशीन कबाड़ हो रही है। चालू मशीनों की रिपोर्ट एक्सरे कर्मचारी सीधे संबंधित चिकित्सकों के वाट्एस ग्रुप के जरिए मोबाइल भेज रहे हैं।
सीएस बोले, रिपोर्ट आने पर कुछ बता सकेंगे एक मशीन जिला अस्पताल और एक मेडिकल कालेज सह अस्पताल की चल रही है। भोपाल से मेंटेनेंस के लिए तकनीशियन आए हुए हैं। तकनीशियन से मशीनों के मेंटेनेंस को लेकर सामान्य चर्चा हुई है। मशीनों के रेगुलर मेंटेनेंस के लिए एओवी के तकनीशियन आते रहते हैं। तकनीशियन रिपोर्ट भोपाल में सबमिट करेगा। लिखित रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ बता सकेंगे। अभी रेडिएशन अधिक जैसी कोई बात नहीं है।
डॉ संजीव दीक्षित, सिविल सर्जन