खंडवा

करणी सेना का ऐलान, चुप नहीं रहेंगे, जवाब देंगे

फिल्म पद्मावत का प्रदर्शन नहीं किए जाने की मांग, उग्र विरोध की चेतावनी। 20 समाजों के प्रतिनिधियों को साथ लेकर बनाई रणनीति

खंडवाJan 22, 2018 / 12:46 pm

अमित जायसवाल

Padmavat Release Karni Sena Warning For 25th january 2018

खंडवा. फिल्म पद्मावत पर श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना का गुस्सा अब बढ़ गया है। २० समाजों के प्रतिनिधियों के साथ रणनीति बनाई गई है। २२ जनवरी को ओंकारेश्वर पहुंचकर सीएम शिवराजसिंह चौहान से मिलकर फिल्म का प्रदर्शन रूकवाने की मांग करने के साथ ही २२ जनवरी को शहर में शांति मार्च निकालकर महारानी पद्मावती के सम्मान में ये फिल्म नहीं देखने का संदेश देने की तैयारी भी है। इसके बावजूद थियेटर में फिल्म का प्रदर्शन होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है। चुप नहीं रहेंगे, जवाब देंगे।

करणी सेना के अध्यक्ष पंकराजसिंह पुरनी ने कहा कि 1988 में पहले भी ये फिल्म बन चुकी है। उसमें इतिहास को सही दर्शाया गया है। अब इस फिल्म के निर्माण में इतिहास के साथ छेड़छाड़ हुई है। तीन सदस्यीय कमेटी अरविंद मेवाड़, कपिल शर्मा ने सिरे से इस फिल्म को नकार दिया। कमेंट में लिखा है कि फिल्म को बैन कर देना चाहिए। मेवाड़ के इतिहास को तोड़ा-मरोड़ा गया है। पूरा देश इस बात को समझ रहा है लेकिन चंद लोग सौ करोड़ लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

करणी सेना के साथ जुटे इन समाजों के प्रबुद्धजन
सिख समाज से सुरजीत राजपाल, विहिप से नवनीत अग्रवाल, लोकेंद्रसिंह गौड़, ब्राह्मण समाज से सुनील सकरगाये, वाल्मीकि समाज से विवेक सारसर, राठौर समाज से उत्तम राठौर, कुनबी समाज से वासुदेव पटेल, अहीर समाज से प्रकाश यादव, भिलाला समाज से लक्ष्मणसिंह चौहान, धनगर समाज से रवि आह्वाड़, कायस्थ समाज से सत्यनाथ, भैरव सेना से विनोद पटेल, महादेवगढ़ से पिंटू दरबार, गुजराती समाज से मनोज शाह, हिंदू स्टूडेंट आर्मी से विकास झा, समाजसेवी भूपेंद्रसिंह चौहान, विक्रमसिंह चौहान धारकवाड़ी, इंदलसिंह पंवार, महेंद्रसिंह सावनेर डाभी, जितेंद्रसिंह चौहान, विजेंद्रसिंह तोमर व अन्य जुटे।

टॉकीज पहुंचकर फिल्म पद्मावत न लगाने की आखिरी चेतावनी
करणी सेना के पदाधिकारी व युवा अभिषेक कार्निवाल पहुंचे और प्रबंधक के नाम एक ज्ञापन सौंपा। कहा कि विवादित फिल्म पद्मावत का प्रदर्शन 25 जनवरी को नहीं करें, ये अंतिम चेतावनी है। अगर फिल्म का प्रदर्शन होता है तो उग्र विरोध किया जाएगा, जिसमें होने वाली किसी भी प्रकार की क्षति के लिए जिम्मेदारी आपकी होगी। शहराध्यक्ष मंगलेश सिंह तोमर, संयोजक शिवा पंवार, जिला प्रवक्ता रामपाल सिंह केहलारी, उपाध्यक्ष दीपेंद्र सिंह दीवाल, सुरेंद्र सिंह कुसुम्बिया, मीडिया प्रभारी अर्जुनसिंह राजपूत, सत्येंद्रसिंह दीवाल, चंदनसिंह चंदेल सहित अन्य शामिल हुए।
मंच से इन्होंने ये कहा…
– ब्राह्मण समाज की ओर से सुनील सकरगये ने कहा कि देश को समझना पड़ेगा। मैं समाज की ओर से इतिहास के साथ छेड़छाड़ की भत्र्सना करता हूं।
– भैरव सेना के विनेाद पटेल ने कहा कि फिल्म पद्मावत का एेसा विरोध होना चाहिए कि फिर कोई एेसी फिल्म बनाने की सोचे भी नहीं।
– हिंदू स्टूडेंट आर्मी के विकास झा ने कहा कि युवा वर्ग के साथ ये खिलवाड़ है, क्योंकि उन्हें गलत इतिहास बताया जा रहा है।
– सिख समाज के राजपाल सिंह ने कहा कि राजपूतों का गौरवमयी इतिहास रहा है। फिल्म के विरोध में नौजवान एक आवाज मारेंगे तो पूरा शहर हिल जाएगा।
– रामपाल सिंह केहलारी ने कहा कि फिल्म बाजीराव मस्तानी में भी इतिहास से छेड़छाड़ हुई थी। अब याचना नहीं रण होगा। चुप रहने वाले नहीं हैं, जवाब दिया जाएगा।
– विवेक सारसर ने कहा कि हमें बचपन से सिखाया गया है कि हर व्यक्ति, संप्रदाय का सम्मान करना है। लेकिन अगर फिल्म पद्मावत के विरोध में हम करणी सेना के साथ हैं।
भूपेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि जो दोगला होगा, वो ही ये फिल्म देखेगा। सुनील जैन ने कुठाराघात बताया। इंदलसिंह पंवार ने कहा कि हम पूरी तरह से साथ देंगे।

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