प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को अफसरों की लापरवाही के चलते दोहरी मार पड़ रही है। सरकार ने करीब डेढ़ माह पहले हितग्राहियों को घर की चाबी सौंपी, लेकिन योजना से जुड़े अफसर उन्हें घर में प्रवेश ही नहीं करने दे रहे। ऐसे में हितग्राहियों मकान का किराया देने के साथ आवासीय ऋण की किश्त भी चुकानी पड़ रही है।
सीएम शिवराज सिंह ने 28 अगस्त को आर्थिक पिछड़ा वर्ग (इडब्ल्यूएस) के 250 गरीब परिवारों को प्रतीकात्मक रूप से आवास की चाबी सौंपी थी, लेकिन उन्हें अब तक छत नसीब नहीं हुई। हितग्राही रानू डोंगरे के अनुसार उनके पति होटल में काम करते हैं। पीएम आवास के लिए बीस हजार रुपए एडवांस जमा करने कर्ज लिया। उन्हें आवास की किश्त जमा करने के साथ ही मकान का किराया देना पड़ रहा है। ऐसे में पीएम आवास की किश्त टूटने को है।
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जब एक साथ आएंगे तब देंगे कब्जा
गांधी नगर निवासी रमन डोंगरे ने बताया कि वह मजदूरी करते हैं, नगर निगम के अधिकारियों ने एकमुश्त किश्त के नाम पर सात हजार रुपए जमा कराए। आवास नंबर 191 की चाबी मिलने के बाद हम सामान लेकर रहने के लिए गए, तो निगम अधिकारियों ने यह कहकर वापस कर दिया कि जब सभी लोग एकसाथ आएंगे तब कब्जा दिया जाएगा। डोंगरे 3000 रुपए से किराए के मकान में परिवार को लेकर रहते हैं। पीएम आवास की किश्त जमा करें या फिर बाजार में किराए के मकान का किराया जमा करें।
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32 करोड़ की तीन मंजिला इडब्ल्यूएस
चीरा खदान में तीन मंजिला इडब्ल्यूएस इमारत है। करीब 32 करोड़ से 480 आवास बनाए गए हैं। कुछ क्षेत्र में फिनशिंग का काम बाकी है। इसी योजना में से 28 अगस्त को 250 परिवारों को रहने के लिए चाबी सौंपी गई थी, लेकिन, निगम अधिकारियों की अनदेखी के चलते अभी तक गरीबों का कब्जा नहीं दिया गया, जबकि हर माह किश्त वसूल की जा रही है।
हमने चाबी सौंप दी है। बैंक ऋण भी पास करा दिया गया है। जब चाबी दे दी गई है तो उनको रहने से कौन मना कर रहा है। अगर ऐसा है तो हितग्राही सीधे मुझसे शिकायत कर सकते हैं। जांच कराकर कार्रवाई करेंगे।
-सविता प्रधान, आयुक्त, नगर निगम