इन वाहनों पर प्रतिबंध लागू नहीं आवश्यक सेवाओं में लगे वाहनों को उक्त प्रतिबंधित आदेश से मुक्त रखा जाएगा। इनमें दुग्ध वाहन, नगर निगम की स्वास्थ्य सेवाओं में लगे वाहन, पुलिस वाहन, फायर बिग्रेड, आर्मी के जवान, विद्युत मण्डल के कार्य में संलग्न वाहन, एलपीजी/ पेट्रोलियम पदार्थ वाहन, कृषि उपज मण्डी में सब्जी ले जाने वाले वाहन, यात्री बसें शामिल हैं।
इन पांच नाकों पर रुकेंगे भारी वाहन शहर में भारी वाहनों के प्रवेश के सात रास्ते हैं। इनमें बाहरी पांच रास्तों पर पुलिस बल तैनात करते हुए फिक्स प्वाइंट बनाया जाएगा। इंदौर नाका में नई अनाज मंडी के पास ट्रांसपोर्ट नगर नाका, पंधाना नाका में नदी पार लोहा मंडी के पास, जसवाड़ी मार्ग में रामनगर चौकी के आगे, हरसूद नाका में केन्द्रीय विद्यालय के आगे गब्बर ढाबा के पास, मूंदी नाका में पॉलीटेक्निक के आगे भारी मालयानों को नोएंट्री में रोका जाएगा।
सरकारी परिवहन होगा प्रभावित नोएंट्री के आदेश में आवश्यक सेवाओं में लगे वाहनों में सरकारी खाद्यान के वाहनों को शामिल नहीं किया गया है। जबकि रेलवे की रैक से आने वाली खाद्य और अनाज को शहर के अंदर से होकर ही भारी वाहनों के जरिए परिवहन किया जाता है। इस बारे में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आदेश के मुताबिक जो वाहन छूट के दायरे में हैं सिर्फ उन्हें ही परिवहन व प्रवेश की अनुमति होगी।
शहर के अंदर हैं ट्रांसपोर्टर नोएंट्री का यह आदेश ट्रांसपोर्ट कारोबारियों के लिए भारी पड़ सकता है। मौजूदा समय में खंडवा के सभी ट्रांसपोर्टर शहर के बीच जमे हैं। जबकि इनके लिए नया ट्रांसपोर्ट नगर विकसित किया है, जहां कारोबारी जाने को तैयार नहीं हैं। आदेश लागू होने के बाद ट्रांसपोर्ट कारोबार प्रभावित होगा जिसके लिए कारोबारियों को शहर से बाहर व्यवस्था करना होगी। इसके साथ ही वाहनों के मैकेनिक जो जलेब चौक और बस स्टैण्ड पर काम करते हैं, उन्हें भी शहर के बाहर ठिकाना बनाना होगा।
यातायात को चाहिए अतिरिक्त बल नोएंट्री व्यवस्था लागू होने में अभी पांच दिन का समय है। इसके पहले यातायात पुलिस को बल की व्यवस्था भी करना है। पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह से 12 सिपाहियों के बल की मांग की गई है। इस बल को नोएंट्री के नाकों पर तैनात किया जाएगा। एक बड़ी चुनौती यह भी है कि नोएंट्री के नाकों पर तपती धूप, इसके बाद बरसात और फिर ठंड के दिनों में बैठने और सिर छिपाने के लिए कोई जगह नहीं है। नगरीय प्रशासन को इसका बंदोबस्त करना चाहिए, नहीं तो व्यवस्था बनने से पहले ही बिगड़ जाएगी।
शहर को चाहिए बाइपास अमरावती, नागपुर और खरगोन होकर आने वाले भारी मालयान खंडवा शहर से होकर गुजरते हैं। भापोल, प्रयागराज की ओर जाने के लिए रास्ता भी शहर के अंदर से होकर गुजरता है। यहां बाइपास नहीं होने से भारी वाहनों को नोएंट्री में कई घंटे इंतजार करना पड़ेगा। नोएंट्री के आदेश के बाद अगर प्रशासन बाइपास पर गंभीर हो तो भारी वाहनों की राह आसान होगी।