सामाजिक दायित्व योजना (सीएसआर) 2018-19 के अंतर्गत एनएचडीसी द्वारा निगम क्षेत्र में प्लांट निर्माण कराया जाएगा। स्वच्छ भारत अभियान अंतर्गत सांसद नंदकुमारसिंह चौहान के निर्देश पर निगम ने इसका प्रस्ताव एनएचडीसी को भेजा है। इसी महीने इसे स्वीकृति मिलने की पूरी उम्मीद की जा रही है। एेसा होने पर एक साल में ये प्लांट तैयार हो जाएगा। शुक्रवार को निगम में महापौर सुभाष कोठारी और कार्यपालन यंत्री ईश्वरसिंह चंदेली से एनएचडीसी के वरिष्ठ प्रबंधक शरद जयकर ने इस प्रोजेक्ट पर चर्चा की। बता दें कि ट्रेंचिंग ग्राउंड में फिलहाल नो प्रॉफिट-नो लॉस में काम कर रही संस्था श्री सांई सृजन संस्थान द्वारा लगाई गई मशीनें कम हैं। यहां लगती आग और उठते धुएं से होने वाली परेशानी के मुद्दे पर पत्रिका ने प्रमुखता से खबरों का प्रकाशन किया।
इस प्रकार के कचरे का होगा उपयोग
घरेलू कचरे, सब्जी मंडी, भोजनालयों, स्लॉटर हाउस, डेयरियों से निकलने वाले पशुओं के गोबर व अन्य गीले-सूखे कचरे का निपटान कर इससे रिन्यूएबल एनर्जी (नवीकरणीय ऊर्जा) प्राप्त की जाएगी। बता दें कि नवीकरणीय ऊर्जा में वे सारी ऊर्जा शामिल हैं जो प्रदूषणकारक नहीं हैं तथा जिनके स्रोत का क्षय नहीं होता या जिनके स्रोत का पुन: भरण होता रहता है। सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जलविद्युत ऊर्जा, ज्वार-भाटा से प्राप्त ऊर्जा बायोमास, जैव ईंधन व अन्य इसके कुछ उदाहरण हैं।
घरेलू कचरे, सब्जी मंडी, भोजनालयों, स्लॉटर हाउस, डेयरियों से निकलने वाले पशुओं के गोबर व अन्य गीले-सूखे कचरे का निपटान कर इससे रिन्यूएबल एनर्जी (नवीकरणीय ऊर्जा) प्राप्त की जाएगी। बता दें कि नवीकरणीय ऊर्जा में वे सारी ऊर्जा शामिल हैं जो प्रदूषणकारक नहीं हैं तथा जिनके स्रोत का क्षय नहीं होता या जिनके स्रोत का पुन: भरण होता रहता है। सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जलविद्युत ऊर्जा, ज्वार-भाटा से प्राप्त ऊर्जा बायोमास, जैव ईंधन व अन्य इसके कुछ उदाहरण हैं।
इन वजहों से है बहुत जरूरी
ट्रेंचिंग ग्राउंड पर कचरे का पहाड़ खड़ा हो गया है। कई बार आग लगने से शहर में धुआं फैल जाता है। जिससे लोगों को सांस लेने तक में तकलीफ होती है। आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में भी किसानों द्वारा खेत से निकले कचरे को जला दिया जाता है। स्वास्थ्य एवं पर्यावरण की दृष्टि से कचरे का उचित निपटान जरूरी है।
ट्रेंचिंग ग्राउंड पर कचरे का पहाड़ खड़ा हो गया है। कई बार आग लगने से शहर में धुआं फैल जाता है। जिससे लोगों को सांस लेने तक में तकलीफ होती है। आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में भी किसानों द्वारा खेत से निकले कचरे को जला दिया जाता है। स्वास्थ्य एवं पर्यावरण की दृष्टि से कचरे का उचित निपटान जरूरी है।
फैक्ट फाइल
2.17 करोड़ रुपए प्रस्तावित लागत
2 एकड़ जमीन निगम उपलब्ध कराएगा
06 लाख रुपए प्रतिमाह आएगा खर्च
01 साल में तैयार हो जाएगा प्लांट
05 साल में पूरी लागत हो जाएगी वसूल ये होंगे फायदे
– प्लांट की स्थापना से शहर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के किसानों के खेतों के कचरे का उचित निपटान होगा।
– कचरे से बायोगैस और इससे बायोसीएनजी रिन्यूएबल एनर्जी प्राप्त होगी, जो डीजल व पेट्रोल का विकल्प है।
– वातावरण में कार्बन उत्सर्जन व ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में सहायक होगी, किसानों की आर्थिक सक्षमता बढ़ेगी।
– बायो वेस्ट के निपटान से स्वच्छ वातावरण तैयार होगा, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
वर्जन-
2.17 करोड़ रुपए प्रस्तावित लागत
2 एकड़ जमीन निगम उपलब्ध कराएगा
06 लाख रुपए प्रतिमाह आएगा खर्च
01 साल में तैयार हो जाएगा प्लांट
05 साल में पूरी लागत हो जाएगी वसूल ये होंगे फायदे
– प्लांट की स्थापना से शहर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के किसानों के खेतों के कचरे का उचित निपटान होगा।
– कचरे से बायोगैस और इससे बायोसीएनजी रिन्यूएबल एनर्जी प्राप्त होगी, जो डीजल व पेट्रोल का विकल्प है।
– वातावरण में कार्बन उत्सर्जन व ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में सहायक होगी, किसानों की आर्थिक सक्षमता बढ़ेगी।
– बायो वेस्ट के निपटान से स्वच्छ वातावरण तैयार होगा, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
वर्जन-
– हमने दिया है प्रस्ताव
सांसद के निर्देश पर स्वच्छ भारत अभियान के तहत हमने एनएचडीसी को बायोगैस-बायोसीएनजी प्लांट का प्रस्ताव दिया है।
सुभाष कोठारी, महापौर
– सीएसआर मद में शामिल
निगम का प्रस्ताव मिला है। इसे हमने सीएसआर मद में शामिल किया है। इसी महीने इस संबंध में होने वाली बैठक में स्वीकृति की उम्मीद है।
शरद जयकर, वरिष्ठ प्रबंधक, एनएचडीसी
सांसद के निर्देश पर स्वच्छ भारत अभियान के तहत हमने एनएचडीसी को बायोगैस-बायोसीएनजी प्लांट का प्रस्ताव दिया है।
सुभाष कोठारी, महापौर
– सीएसआर मद में शामिल
निगम का प्रस्ताव मिला है। इसे हमने सीएसआर मद में शामिल किया है। इसी महीने इस संबंध में होने वाली बैठक में स्वीकृति की उम्मीद है।
शरद जयकर, वरिष्ठ प्रबंधक, एनएचडीसी