डवा. मां नवचंडी देवीघाम में मेले की रौनक बढ़ने लगी है। मेले में मनोरंजन के साथ विभिन्न प्रकार की दुकानों पर खरीदी के लिए भीड़ उमड़ रही है। शुरुआती दौर में मेले को ग्वालियर के ट्रेड फेयर मेले की तर्ज पर विकसित किए जाने का भी प्लान बना था। संस्कृति विभागमा नवचंडी मेले को अनुदान भी प्रदान करता था। समय के साथ सरकार बदली तो मेले की किस्मत पर भी ग्रहण लग गया।
खंडवा•Mar 16, 2022 / 09:44 pm•
रियाज सागर
खंडवा. मां नवचंडी देवीघाम में मेले की रौनक बढ़ने लगी है। मेले में मनोरंजन के साथ विभिन्न प्रकार की दुकानों पर खरीदी के लिए भीड़ उमड़ रही है। शुरुआती दौर में मेले को ग्वालियर के ट्रेड फेयर मेले की तर्ज पर विकसित किए जाने का भी प्लान बना था। संस्कृति विभागमा नवचंडी मेले को अनुदान भी प्रदान करता था। समय के साथ सरकार बदली तो मेले की किस्मत पर भी ग्रहण लग गया।
खंडवा. मां नवचंडी देवीघाम में मेले की रौनक बढ़ने लगी है। मेले में मनोरंजन के साथ विभिन्न प्रकार की दुकानों पर खरीदी के लिए भीड़ उमड़ रही है। शुरुआती दौर में मेले को ग्वालियर के ट्रेड फेयर मेले की तर्ज पर विकसित किए जाने का भी प्लान बना था। संस्कृति विभागमा नवचंडी मेले को अनुदान भी प्रदान करता था। समय के साथ सरकार बदली तो मेले की किस्मत पर भी ग्रहण लग गया।
खंडवा. मां नवचंडी देवीघाम में मेले की रौनक बढ़ने लगी है। मेले में मनोरंजन के साथ विभिन्न प्रकार की दुकानों पर खरीदी के लिए भीड़ उमड़ रही है। शुरुआती दौर में मेले को ग्वालियर के ट्रेड फेयर मेले की तर्ज पर विकसित किए जाने का भी प्लान बना था। संस्कृति विभागमा नवचंडी मेले को अनुदान भी प्रदान करता था। समय के साथ सरकार बदली तो मेले की किस्मत पर भी ग्रहण लग गया।
खंडवा. मां नवचंडी देवीघाम में मेले की रौनक बढ़ने लगी है। मेले में मनोरंजन के साथ विभिन्न प्रकार की दुकानों पर खरीदी के लिए भीड़ उमड़ रही है। शुरुआती दौर में मेले को ग्वालियर के ट्रेड फेयर मेले की तर्ज पर विकसित किए जाने का भी प्लान बना था। संस्कृति विभागमा नवचंडी मेले को अनुदान भी प्रदान करता था। समय के साथ सरकार बदली तो मेले की किस्मत पर भी ग्रहण लग गया।
खंडवा. मां नवचंडी देवीघाम में मेले की रौनक बढ़ने लगी है। मेले में मनोरंजन के साथ विभिन्न प्रकार की दुकानों पर खरीदी के लिए भीड़ उमड़ रही है। शुरुआती दौर में मेले को ग्वालियर के ट्रेड फेयर मेले की तर्ज पर विकसित किए जाने का भी प्लान बना था। संस्कृति विभागमा नवचंडी मेले को अनुदान भी प्रदान करता था। समय के साथ सरकार बदली तो मेले की किस्मत पर भी ग्रहण लग गया।
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