ये समस्याएं जो तीसरे साल भी दूर नहीं हो पाईं
इंदिरा सागर में इस बार पानी अपनी क्षमता से आठ मीटर नीचे है। हालांकि बोट के रैंप तक पानी आ गया है लेकिन पानी कम होने पर सुरक्षा की दृष्टि से खतरा बताया जा रहा है। यहां नेटवर्क की समस्या पहले जल महोत्सव से ही बनी हुई है जो अभी भी है। एेसे में यहां आने वाले पर्यटकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार इसकी शिकायत भी की गई लेकिन यहां किसी भी कंपनी का नेटवर्क ठीक से काम नहीं करता है। नुवंतिया जाने का एकमात्र रास्ता है, वह भी तीन साल बाद जर्जर पड़ा है। दो बार यहां मुख्यमंत्री आ चुके हैं। इसके बाद भी इस मार्ग की हालात वही है। इससे बाहर से आने वाले पर्यटकों को निराशा हाथ लगती है।
इस बार ये है खास…
महोत्सव में चंदेरी के किले की तर्ज पर गेट बनाया गया है। १२५ टेंट सिटी भी तैयार हो गई हैं। एरिना स्टेज से लेकर हर तरफ सजावट की गई है। वाटर एक्टिविटीज के लिए दो दर्जन से अधिक बोट मंगाई हैं। पैरासेलिंग, पैराग्लाइडिंग, स्कूबा डाइविंग और वाल क्लाइंबिंग सहित कई तरह के गेम पर्यटकों के लिए कराए जाएंगे।
देशी-विदेशी मेहमान पहुंचे
यहां शनिवार से ही देशी-विदेशी मेहमानों का आना शुरू हो गया है। कुछ पर्यटक रविवार को पहुंचेंगे। आने वाले त्योहारों और अन्य छुट्टियों को लेकर कॉटेज और हट बुक कराए जा रहे हैं। एक तिहाई से अधिक कॉटेज अभी से फुल हो गए हैं। हालांकि भीड़ दीपावली के बाद बढऩे की उम्मीद है।