जिले के गुड़ी वन परिक्षेत्र के नाहरमाल बीट अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू हुई। सुबह करीब सात बजे भारी पुलिस बल व वनकर्मियों के साथ अधिकारी नाहरमाल पहुंचे। भारी भरकम बल होने से कोई अतिक्रमण कारी कार्रवाई का विरोध करने नहीं पहुंचा। इस क्षेत्र में रात 8.00 बजे तक अतिक्रमण की हुई वन भूमि पर जेसीबी मशीनें चलती रहीं। कार्रवाई के दौरान बाहरी व्यक्ति को कार्रवाई क्षेत्र में नहीं जाने दिया।
खेत में लगी थी चने की फसल
नाहरमाल से करीब एक किमी अंदर कलेक्टर अनूप कुमार सिंह, एसपी मनोज कुमार राय और डीएफओ राकेश डामोर पहुंचे। यहां एक बीट क्रमांक-741 टाकलखेड़ा में खेत बने हुए थे। एक खेत में मक्का की फसल निकाल ली गई थी। कलेक्टर ने नाहरमाल क्षेत्र से चल रही 20 जेसीबी मशीनों को कार्रवाई के लिए कक्ष क्रमांक-741 में बुलवा लिया। इसके बाद यहां शाम तक जेसीबी मशीनों से फसल का नष्ट करती रही। मक्के के खेत में जेसीबी से गड्ढे खोदे गए। शेष मशीनों से अन्य क्षेत्रों में कार्रवाई हुई।10 हजार एकड़ जंगल बना खेती का मैदान
गुडी रेंज के नाहरमाल और हीरापुर गांव में जंगलों पर कब्जा कर माफिया ने खेती शुरू कर दी थी। करीब 10 हजार एकड़ जमीन पर पिछले चार साल से फसलें बोई जा रही है। माफिया ने जंगल काटकर इसे खेतों में बदल दिया। कार्रवाई के दौरान नाहरमाल के लोगों ने बताया कि बाहरी लोग जंगल पर कब्जा कर रहे हैं। इसके चलते स्थानीय लोगों ने भी अपने खेत बढ़ा लिए। इसके बाद कलेक्टर और एसपी ने पुराने अतिक्रमण क्षेत्र टाकलखेड़ा का निरीक्षण किया और कार्रवाई के निर्देश दिए। कार्रवाई में खंडवा-बुरहानपुर के रेंजर और वनकर्मी शामिल रहे।