20 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने सिंगाजी धाम में माथा टेका
बीड़. निर्गुणी संत सिंगाजी महाराज की समाधि स्थल पर सिंगाजी बाबा जन्म उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया। जहां मंदिर परिसर को फूलों से सजाया गया मंदिर चरण पादुका का पंचामृत से स्नान किया गया। दिन भर हजारों श्रद्धालुओं ने अखंड ज्योति और चरण पादुका के दर्शन कर केरी भी चढ़ाई। यहां पर संत सिंगाजी महाराज के समाधि लेने के बाद से आज तक 465 सालों से अखंड ज्योति जल रही है। शनिवार को संत सिंगाजी महाराज के 504 वा जन्म उत्सव पर संत सिंगाजी समाधि स्थल को फूलों से सजाया गया साथ ही प्रात: बाबा की चरण पादुका को चरणामृत से स्नान कराया। दोपहर को भोग आरती हुई वही सिंगाजी महाराज के जन्म उत्सव के दिन 20 हजार से ज्यादा श्रद्धालु संत सिंगाजी महाराज की समाधि स्थल पर पहुंचे । सुरक्षा को देखते हुए राजस्व और पुलिस बल के साथ होमगार्ड का बल भी मौजूद रहा। कच्ची कैरी का महत्व बाबा के अन्य अनुयायियों द्वारा बताया जाता है कि संत सिंगाजी बाबा की समाधि स्थल पर भक्तों द्वारा कच्ची केरी अर्पित की जाती है। केरी का महत्व निसंतान महिलाओं के लिए लाभकारी सिद्ध होता है। बाबा की समाधि पर चढ़ाई हुई केरी को प्रसाद के रूप में नि:सान महिलाओं को प्रसादी के रूप में दी जाती है और उसे संतान की प्राप्ति भी उस पर प्रसादी के बाद प्राप्त होती है। यह कई वर्षों पुरानी ह। शनिवार को बाबा की समाधि स्थल पर श्रद्धालुओं ने कच्ची केरी अर्पित भी की है। बैक वाटर में डूबने से श्रद्धालु की मौत: सिंगाजी बाबा के जन्म उत्सव के दौरान खरगोन से आए श्रद्धालु महादेव पिता जयराम यादव (18) निवासी नागझिरी तहसील महेश्वर जिला खरगोन सिंगाजी बैक वाटर में डूबने से मृत्यु हो गई है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बताया गया है कि घाट पर युवक स्नान करने पहुंचे थे। सीढिय़ों पर काई और फिसलन होने से युवक का पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में चला गया। जिससे उसे बचा पाना मुश्किल हो गया। शव को गोताखोरों की मदद से निकाला गया। पुलिस ने मर्ग कायम कर शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा।