इंदौर संभाग का पायलट प्रोजेक्ट
इंदौर संभाग में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसे 2015 में लागू किया गया था। प्रदेशभर में इसी के जरिए उपस्थिति लेने की तैयारी थी, लेकिन इससे पहले ही विभाग ने एम-शिक्षा मित्र एप्लीकेशन लॉन्च कर दिया। इसके पीछे विभाग का तर्क था कि ई-अटेंडेंस में सिर्फ उपस्थिति का प्रावधान है। एम-शिक्षा मित्र से अवकाश का आवेदन, प्रमोशन की अर्जी, क्रमोन्नति और सूचनाओं के आदान-प्रदान से जुड़े कई काम हो सकेंगे।
गांव में दिखती थी शहर की लोकेशन
ई-अटेंडेंटस में लोकेशन की बड़ी गड़बड़ थी। शहर के उत्कृष्ट स्कूल के ही शिक्षकों को ही अटेंडेंस लगाने के लिए कमरे से बाहर मैदान पर आना पड़ता था, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों तो ज्यादा दिक्कत थी। लोकेशन भी ट्रेस करने में गड़बड़ थी। उस वक्त शिक्षकों का विरोध भी था तो वहीं अफसरों ने भी इसे काम का बोझ मानकर हाथ पीछे खींच लिए थे लेकिन अब फिर बिगड़ैल ढर्रे को दुरुस्त करने के लिए विभाग एम-शिक्षा मित्र की मदद लेना चाहता है।
– होम, शिक्षक, स्कूल, विद्यार्थी और आरटीई के साथ ज्ञानार्जन नाम से छह सेगमेंट रहेंगे
– होम में राज्य, शासकीय, सीपीआई, राज्य शिक्षा केंद्र, आरएमएसए व जेडी की जानकारियां देख सकेंगे
– शिक्षक सेगमेंट में वेतन पर्ची, उपस्थिति, छुट्टी का आवेदन, कक्षावार उपस्थित, शिकायत व अन्य- स्कूल अंतर्गत शा. विद्यालय, अशा. विद्यालय, इनरोलमेंट, आज की उपस्थिति, पुस्तक-गणवश वितरण- विद्यार्थी सेगमेंट में योजनाएं व छात्रवृत्ति की स्थिति, आरटीई में आवंटन, एडमिशन व अन्य जानकारी
– ज्ञानार्जन सेगमेंट बताएगा कि कितने पाठ पढ़ा चुके हैं, कोर्स किस स्थिति में पहुंचा हैं अब तक
पीएस सोलंकी, डीईओ