अखिल विश्व गायत्री परिवार खंडवा के परिजन कन्या कौशल शिविर की तैयारी में जुटे हुए हैं। 28 नवंबर से 2 दिसंबर तक चलने वाले शिविर के लिए देवभूमि हरिद्वार शांतिकुंज की तरह ही ग्राम सिरसौद को सजाया जा रहा है। शिविर में श्रमदान करने दूर-दूर से लोग ग्राम सिरसौद पहुंच रहे है। रविवार को अंतिम तैयारियों के लिए गायत्री परिवार के परिजनों की बैठक भी कार्यक्रम स्थल पर हुई। गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ. चिन्मय पंड्या के प्रवास के कार्यक्रम को भी अंतिम रूप दिय गया।
रविवार को कार्यक्रम स्थल पर ऐसे गायत्री परिजन स्वयंसेवक उपस्थित हुए जो शासकीय सेवाओं, वकालत, डॉक्टरी व अन्य पेशे के कारण रोजाना नहीं आ पा रहे, उन्होंने श्रमदान किया। गायत्री परिवार के अजय उपाध्याय, अधिवक्ता देवेंद्र सिंह यादव, संतोष खेड़ेकर, डॉ. आरके सोनी, मुकेश मालवीय, प्रमोद मालवी, जगदीश सांवरिया सहित अन्य ने श्रमदान कर कार्यक्रम की रूपरेखा और तैयारी का जायजा लिया। गायत्री परिवार के वरिष्ठ और कार्यक्रम संयोजक डॉ. मधुसूदन गीते और आनंदी लाल सोनी ने कार्यकर्ताओं की बैठक ली। सभी कार्यकर्ताओं को उनकी जवाबदारिया से अवगत कराते हुए कार्यक्रम के सभी पांच दिनों में अपनी अपनी दायित्वों और जवाबदारियों को पालन करने के लिए हिदायत दी गई।
डॉ. पंड्या करेंगे बेटियों को संबोधित
1 दिसंबर को अखिल विश्व गायत्री परिवार देव सरस्वती विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या कार्यक्रम में उपस्थित होंगे। उनके प्रवास और कार्यक्र को भी अंतिम रूप दिया गया। डॉ. पांडे हॉट पिपलिया से पुनासा, कालमुखी होते हुए छैगांव और वहां से सिरसौद आएंगे। यहां कार्यक्रम को संबोधित करने सहित कन्याओं का प्रशिक्षण देते हुए ग्रामीणजनों, प्रबुद्ध लोगों से भेंट करेंगे।अगले दिन परतवाड़ा अपने कार्यक्रम के लिए प्रस्थान करेंगे।
1 दिसंबर को अखिल विश्व गायत्री परिवार देव सरस्वती विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या कार्यक्रम में उपस्थित होंगे। उनके प्रवास और कार्यक्र को भी अंतिम रूप दिया गया। डॉ. पांडे हॉट पिपलिया से पुनासा, कालमुखी होते हुए छैगांव और वहां से सिरसौद आएंगे। यहां कार्यक्रम को संबोधित करने सहित कन्याओं का प्रशिक्षण देते हुए ग्रामीणजनों, प्रबुद्ध लोगों से भेंट करेंगे।अगले दिन परतवाड़ा अपने कार्यक्रम के लिए प्रस्थान करेंगे।
बेटियां देंगी शोभायात्रा में बैंड की प्रस्तुति
कार्यक्रम सह संयोजक डॉ. अजय लाड़ ने बताया कौशल प्रशिक्षण शिविर के एक दिवस पूर्व बुधवार को कलश यात्रा निकाली जाएगी। कलश यात्रा में बेटियां ट्रैक्टर, बुलेट, मोटरसाइकिल, बैलगाड़ी चलाएंगी। कलश यात्रा का संचालन पूरी तरह बेटियों का रहेगा। बेटियां बैंड बजाएगी, कई संगीत टोलिया रहेगी। 10 घोड़ों पर वीरांगनाओं के रूप में बेटियां सवार रहेंगी। अलग-अलग झांकियों में देवी स्वरूप में बेटियां शामिल रहेंगी। हाथों में झंडे, आत्मसुरक्षा का संदेश देते हुए लाठियां, तलवार, भाले भी थामें रहेंगी। रविवार को कलश यात्रा के लिए 108 कलश तैयार किए गए, जिस पर ओम व स्वास्तिक बनाया गया।
कार्यक्रम सह संयोजक डॉ. अजय लाड़ ने बताया कौशल प्रशिक्षण शिविर के एक दिवस पूर्व बुधवार को कलश यात्रा निकाली जाएगी। कलश यात्रा में बेटियां ट्रैक्टर, बुलेट, मोटरसाइकिल, बैलगाड़ी चलाएंगी। कलश यात्रा का संचालन पूरी तरह बेटियों का रहेगा। बेटियां बैंड बजाएगी, कई संगीत टोलिया रहेगी। 10 घोड़ों पर वीरांगनाओं के रूप में बेटियां सवार रहेंगी। अलग-अलग झांकियों में देवी स्वरूप में बेटियां शामिल रहेंगी। हाथों में झंडे, आत्मसुरक्षा का संदेश देते हुए लाठियां, तलवार, भाले भी थामें रहेंगी। रविवार को कलश यात्रा के लिए 108 कलश तैयार किए गए, जिस पर ओम व स्वास्तिक बनाया गया।