आचार्य प्रणाम सागर ने कहा मनुष्य जन्म से नहीं कर्म से महान बनता है। जन्म के बाद महान बनने के लिए शिक्षा की शुरूआत की जाती है। बिना शिक्षा के मानव का जीवन पशु के समान होता है। जिसने मानव जन्म पाकर जिसने न विद्या अध्ययन किया, न तप, न धार्मिक शिक्षा ग्रहण की न दान दिया है। ऐसा जीवन इस पृथ्वी लोक पर भार स्वरूप है। हमारा जन्म उच्च कुल में सम्राट के घर में हो जाए, लेकिन जब तक शिक्षा व ज्ञान का पूर्ण अभ्यास जीवन में न हो जाए। तब वह राज्य के कार्यभार को संभाल कर सम्राट नहीं हो सकता।