24 घंटे के अंदर जेल से बाहर आया दुष्कर्म आरोपी
पीड़िता ने शिकायत में मांगीलाल पर आरोप लगाया था कि वह कुछ दिन पहले उसे खेत में लेकर गया था जहां मांगीलाल ने हाथ-पैर बांधकर उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की। युवती जैसे-तैसे वह से भागकर घर पहुंची अपने परिवार को आपबीती बताई। इसके बाद परिवार ने थाने में जाकर आरोपी के खिलाफ छेड़खानी की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने मांगीलाल को गिरफ्तार किया था। शिकायत के बाद पुलिस ने कार्रवाई कर मांगीलाल को जेल में डाल दिया था। हालांकि, वह 24 घंटे के भीतर जमानत पर बाहर आ गया। यह भी पढ़े – एमपी में बड़ा रेल हादसा टला : ट्रेन के कोच में आग लगने की खबर, यात्रियों के बीच मचा हड़कंप एसपी कार्यालय में लगाई गुहार
पीड़िता के परिजन ने आरोप लगाया कि मांगीलाल ने जेल से बाहर आने के बाद पीड़िता और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी थी। इस धमकी घबराकर पीड़िता सहित उसका परिवार
खंडवा एसपी के कार्यालय पंहुचा और वहां शिकायत दर्ज करवाई लेकिन इसके अगले दिन आरोपी मांगीलाल और उसके परिजन ने पीड़िता और उसके परिवार पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। परिवार वालों से मारपीट करने के बाद मांगीलाल के बेटे अर्जुन ने पीड़िता पर पेट्रोल डालकर उसे आग लगाने कि कोशिश की। इस हमले में युवती बुरी तरह से झुलस गई। पीड़िता को इलाज के लिए पहले जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन हालत ज्यादा खराब होने की वजह से उसे एमवाय अस्पताल इंदौर रेफेर कर दिया गया था।
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पीड़िता पर इस हमले का पता चलता ही पुलिस एक्शन में आई। उन्होंने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि मामला संदेहास्पद है इसलिए हमने कोर्ट में युवती के बयान दर्ज कराए है। वहीँ, दूसरी तरफ आरोपी मांगीलाल कि पत्नी ने पीड़िता के परिजन द्वारा लगाए गए आरोप को खारिज करते हुए कहा है कि यह उसके पति और उसके बेटे को फसाने कि साजिश है।
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इस घटना के सामने आने के बाद प्रदेश की राजनीति भी गरमा रही है। एमपीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस घटना को लेकर अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट कर मोहन सर्कार को घेरा और राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए। उन्होंने लिखा कि मध्य प्रदेश में अब जंगलराज सिर चढ़ कर बोल रहा है। आए दिन अखबारों के पन्ने बेटियों के खून से रंगे हुए मिलते हैं। खंडवा में हुई घटना को लेकर उन्होंने आगे लिखा कि 18 वर्ष की बेटी के साथ घिनौना अपराध होता है, और जब वह पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराती है, तो आरोपी के बेटे द्वारा उसे पेट्रोल डालकर जला दिया जाता है।
एमपी सरकार की तालिबान से कर दी तुलना
अपने पोस्ट में एमपी कांग्रेस अध्यक्ष ने मध्य प्रदेश सरकार की तुलना तालिबान से कर दी। उन्होंने लिखा कि बेटियों के लिए मध्य प्रदेश अब तालिबान से भी बदतर जगह बन गया है, जहाँ न तो वे सुरक्षित हैं, और अपराधियों को भाजपा सरकार का संरक्षण प्राप्त है, जिससे आए दिन बेटियों के साथ अपराधों में बढ़ोतरी हो रही है।‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ’ का नारा देने वाली सरकार न तो बेटियों को पढ़ा पा रही है, न ही उन्हें बचा पा रही है। आख़िर कब तक मुख्यमंत्री जी बेटियों के साथ हो रहे जघन्य अपराधों पर मौन रहेंगे?