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अब इस मामले को लेकर कृषि विभाग ने जिले के सभी पांच बीज प्रमाणीकरण अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है साथ ही जिले के डीडीए पर भी जल्द गाज गिर सकती है। इस मामले को लेकर प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए थे।
दरअसल निमाण इलाके में बड़े पैमाने पर नकली बीज का कारोबार होता रहा है, किसानों की शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं हो पाती है। इस बार कृषि विभाग ने जांच के लिए इंदौर से टीम भेजी और छापेमारी में पता चला कि खंडवा में नकली बीज तैयार किया जा रहा है। जांच के बाद विभाग ने कार्यवाही करते हुए राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था ने सहायक बीज प्रमाणीकरण अधिकारी सुरेश कुमार, अखिलेश चौहान, जयंत कुल्हारे, राजाराम बड़ोले और पीपी सिंह को निलंबित कर दिया।
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मध्य प्रदेश में खरीब और रवि की फसलों की बुआई से पहले नकली बीज, खाद और पेस्टीसाइड माफिया सक्रिय हो जाता है। जिससे किसानों को भारी नुक्सान उठाना पड़ता है। प्रदेश के कृषि विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत भी इस मामले में सामने आती रही है। विभाग खानापूर्ति के लिए सेंपलिंग की कार्यवाही करता है। प्रदेश में पहली बार है, जब नकली बीज को लेकर अधिकारियों पर गाज गिरी है।